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सांसद नवनीत राणा के खिलाफ FIR रद्द करने से हाईकोर्ट का इनकार

सांसद नवनीत राणा के खिलाफ FIR रद्द करने से हाईकोर्ट का इनकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सांसद नवनीत राणा और विधायक पति रवि राणा के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जगह सही है। 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की याचिका को खारिज कर दिया। दोनों ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। राणा दंपती को गिरफ्तार करने आए पुलिस अधिकारी पर कथित रूप से हमला करने के लिए यह एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस कार्रवाई तब हुई जब राणा दंपती ने मातोश्री – मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई में निजी आवास के बाहर प्रदर्शन करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने की धमकी दी थी।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख और उद्धव ठाकरे के भाई राज ठाकरे द्वारा राज्य को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद राज्य में हनुमान चालीसा पर जबरदस्त राजनीति शुरू हो गई है। राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर विरोधी अभियान शुरू किया था। फिर इसमें सांसद नवनीत राणा और उनके पति कूद पड़े। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि बीजेपी राणा दंपती का इस्तेमाल महाराष्ट्र में माहौल खराब करने के लिए कर रही है। बीजेपी उद्धव ठाकरे की सरकार को हटाने के लिए हनुमान चालीसा की राजनीति कर रही है।

इस शनिवार को राणा दंपती ने मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी दी थी। हालांकि, उन्होंने रविवार को पीएम मोदी की महानगर यात्रा का हवाला देते हुए कार्यक्रम वापस ले लिया। दोनों को शनिवार देर रात मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और रविवार को बांद्रा अदालत के सामने पेश किया।

इससे पहले नवनीत राणा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी देने पर गिरफ्तारी के बाद उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जाति के कारण उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने लिखा कि मैंने रात भर पीने के पानी की बार-बार मांग की। लेकिन पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई। वहां मौजूद पुलिस स्टाफ ने मुझसे कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वे मुझे एक गिलास भी पानी नहीं देंगे।

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