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महाराष्ट्र के कई ज़िलों में भीषण बाढ़, भू-स्खलन से 44 लोगों की मौत

महाराष्ट्र के कई ज़िलों में भीषण बाढ़, भू-स्खलन से 44 लोगों की मौत

महाराष्ट्र में भारी बारिश के बीच भू-स्खलन से रायगढ़ ज़िले में 44 लोगों की मौत हो गई है। राज्य के रत्नागिरी के चिपलुन, रायगढ़, कोल्हापुर और पुणे समेत कई ज़िलों में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 

महाराष्ट्र में भारी बारिश के बीच भू-स्खलन से रायगढ़ ज़िले में 44 लोगों की मौत हो गई है। राज्य के रत्नागिरी के चिपलुन, रायगढ़, कोल्हापुर और पुणे समेत कई ज़िलों में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई नदियों का जलस्तर ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है। एनडीआरएफ़ के साथ-साथ कोस्टगार्ड, भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को भी राहत और बचाव कार्य के लिए लगाया गया है। रत्नागिरी ज़िला प्रशासन का कहना है कि चिपलुन और महाड़ में बाढ़ से सबसे ज़्यादा तबाही हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फ़ोन पर बात की है और केंद्र से हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है।

बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को रत्नागिरी और रायगढ़ ज़िलों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को एनडीआरएफ़ के अलावा भारतीय सेना और नौसेना से मदद मांगी थी। इन्होंने रत्नागिरी के चिपलुन, महाड और रायगढ़ इलाक़ों में मोर्चा संभाल लिया है। एनडीआरएफ़ के एक अधिकारी ने बताया है कि ज़्यादा पानी बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में जाने में परेशानी हो रही है। इसके लिए एनडीआरएफ़ के जवान भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और बाढ़ में फँसे लोगों को निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

रत्नागिरी के चिपलून, खेड़ और महाड़ इलाक़ों में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने सबसे ज़्यादा तबाही मचाई है। इन ज़िलों में पानी का स्तर दूसरी मंजिल तक पहुँच गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ़ और सेना के जवानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चिपलून और महाड़ के कई इलाक़ों से भूस्खलन की भी ख़बरें मिल रही हैं। रत्नागिरी के कलेक्टर ने बताया है कि चिपलून में भूस्खलन के चलते दो लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा ज़िले के परशुराम घाट के पास हुए भूस्खलन में भी दो लोगों ने अपनी जान गँवा दी है।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय से जारी बयान में बताया गया कि रत्नागिरी ज़िले में जगबूदी, वशिष्टी, कोदावली, शास्त्री, भव समेत प्रमुख नदियाँ ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके चलते खेड़, महाड़, चिपलून, लांजा, राजापुर, संगमेश्वर इलाक़े बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इन जगहों पर राहत और बचाव कार्य काफ़ी तेज़ी से चलाया जा रहा है एवं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। मौसम विभाग ने रायगढ़, रत्नागिरी और ठाणे में अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

भारी बारिश के चलते पुणे के भीमाशंकर मंदिर में भी पानी घुस गया है। मंदिर के आसपास बाढ़ जैसे हालात दिख रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने इलाक़े के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया है एवं मंदिर में रखी दान पेटियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है। इस मंदिर को देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और हर साल श्रावण महीने में लोगों का भारी हुजूम लगता है। मंदिर प्रशासन ने लोगों को अगले किसी भी आदेश तक इस इलाक़े में आने पर पाबंदी लगा दी है।

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वहीं राज्य में हुई बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फ़ोन पर बात कर हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है कि 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से बात की और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। हालात को सुधारने के लिए केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया है। सभी की सुरक्षा और सलामती के लिए प्रार्थना करता हूँ।' 

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और रत्नागिरी ज़िले के गार्डियन मंत्री अनिल परब को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निगरानी के लिए चिपलून भेजा है। अनिल परब ने सत्य हिंदी को बताया कि भारी बारिश के चलते ज़िले के कई हिस्सों का दूसरे इलाक़ों से सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। चिपलून कस्बा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। राहत और बचाव कार्यों में लगाए गए हेलिकॉप्टर भी भारी बारिश के चलते उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।

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