शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने मोदी सरकार से दिया इस्तीफ़ा
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद की लड़ाई की आंच दिल्ली तक पहुंच गई है। मोदी सरकार में शिवसेना के कोटे से मंत्री रहे अरविंद सावंत ने इस्तीफ़ा दे दिया है। सावंत केंद्र में भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम का मंत्रालय संभाल रहे थे। सावंत ने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा कि बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन टूट गया है और शिवसेना एनडीए से अलग हो गई है। सावंत ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से मिलकर उन्हें इस्तीफ़ा सौंप दिया है। सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनने जा रही है।
इससे पहले 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। लेकिन चुनाव के बाद दोनों दल साथ आ गये थे और मिलकर सरकार बनाई थी। महाराष्ट्र में सरकार में रहने के बावजूद शिवसेना बीजेपी पर ख़ूब हमलावर रही थी और लग रहा था कि दोनों दल लोकसभा का चुनाव अलग-अलग लड़ेंगे। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर आये थे और इसके बाद दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
रविवार शाम को ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया था। राजभवन की ओर से शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाने के लिये तैयार हैं। शिवसेना राज्य में दूसरा बड़ा राजनीतिक दल है। इससे पहले शनिवार को राज्यपाल ने बीजेपी को राज्य में सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था। लेकिन रविवार को दिन भर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अन्य नेताओं के साथ शाम को राज्यपाल से मुलाक़ात की थी और उन्हें बताया था कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है।
सावंत के इस्तीफ़ा देने के बाद यह माना जा रहा है कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बन सकती है। क्योंकि एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने रविवार शाम को कहा था, ‘अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे बीजेपी से कोई संबंध नहीं रखना होगा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर निकलना होगा। साथ ही शिवसेना के मंत्रियों को केंद्र सरकार से इस्तीफ़ा देना होगा।’ मलिक ने कहा था कि शिवसेना को समर्थन देने के बारे में अंतिम फ़ैसला कांग्रेस और एनसीपी संयुक्त रूप से लेंगे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस बारे में घोषणा करेंगे।
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अड़ी हुई है। शिवसेना कहती रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसका बीजेपी के साथ 50:50 का फ़ॉर्मूला तय हुआ था। शिवसेना के मुताबिक़, इस फ़ॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल के लिये रहेगा। लेकिन बीजेपी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिये तैयार नहीं हुई और अंतत: उसे सरकार बनाने से पीछे हटना पड़ा।