केरल बीजेपी में हवाला के पैसे को लेकर बवाल, जांच कर रहा आलाकमान
3.5 करोड़ रुपये की डकैती के एक मामले में केरल बीजेपी के कुछ नेताओं से पूछताछ के बाद पार्टी की राज्य इकाई में खलबली का माहौल है। इसकी आंच आलाकमान तक पहुंची है और उसने तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाकर उससे रिपोर्ट देने के लिए कहा है। डकैती के मामले में केरल की पुलिस हवाला के एंगल से जांच कर रही है।
बीजेपी आलाकमान ने कहा है कि कमेटी इस बात की भी रिपोर्ट दे कि उसकी ओर से विधानसभा चुनाव में दिए गए फंड को किस तरह बांटा और इस्तेमाल किया गया।
कमेटी में रिटायर्ड नौकरशाह सीवी आनंद बोस, जैकब थॉमस और ई. श्रीधरन को शामिल किया गया है। थॉमस और ई. श्रीधरन ने बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था और दोनों ही कुछ महीने पहले पार्टी में शामिल हुए हैं। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि वे किसी गुट में शामिल नहीं हैं और निष्पक्ष रिपोर्ट देंगे।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, कमेटी के एक सदस्य ने कहा है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है और यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मांगी थी।
3.5 करोड़ रुपये की रकम के बारे में कहा जा रहा है कि यह चुनाव में इस्तेमाल होने के लिए लाई गई थी। इसे लेकर राज्य बीजेपी के कई नेताओं के अलावा केरल बीजेपी के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के निजी सहयोगी से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।
चुनाव में बीएसपी के उम्मीदवार रहे के. सुंदारा की ओर से जब यह आरोप लगाया कि उन्हें बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने नामांकन वापस लेने के लिए 2.5 लाख रुपये दिए थे, इसे लेकर भी काफी चर्चा है। हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को ग़लत बताया है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, पार्टी नेताओं का कहना है कि डकैती का यह मामला गुटबाज़ी की वजह से ही चर्चा में आया और पार्टी के कुछ लोगों ने पुलिस से इस बारे में शिकायत की। पार्टी नेता कहते हैं कि अब यह मामला बीजेपी और आरएसएस के लिए शर्मिंदगी का विषय बन गया है।
गुटबाज़ी की भी शिकायत
इसके अलावा केरल में पार्टी के नेतृत्व में बदलाव किए जाने को लेकर कई शिकायतें आलाकमान को मिली हैं और यह सारा बवाल तब अहम हो जाता है जब बीजेपी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष इस राज्य के प्रभारी हों। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, बीएल संतोष के ख़िलाफ़ भी शिकायत की गई है।
आलाकमान जानता है कि इन सब वजहों से केरल में पार्टी के मजबूत होने में मुश्किल पैदा होगी। इसके अलावा गुटबाज़ी के कारण भी राज्य में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ रही हैं।