हाथरस: रात में रेप पीड़िता का शव जलाया; घरवालों का आरोप- पुलिस ने चेहरा भी नहीं देखने दिया
हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी पुलिस की ज्यादतियाँ कम नहीं हो रही हैं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ज़िंदगी की जंग हार जान के बाद रेप पीड़िता के शव को घरवालों के हवाले न करते हुए पुलिस उसे 'चोर दरवाजे' से निकाल हाथरस पहुँच गयी। हाथरस में मंगलवार देर रात ढाई बजे बिना घरवालों की मौजूदगी के पुलिस ने ही अंतिम संस्कार कर डाला। अस्पताल के गेट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के साथ शव के लिए धरना दे रहे पीड़िता के घरवालों को पता भी नहीं चला और शव को पुलिस ने हाथरस पहुँचा दिया। पीड़िता के घरवालों के जख्मों पर नमक रगड़ने का काम हाथरस के ज़िलाधिकारी के उस बयान ने भी किया जिसमें उन्होंने बाकायदा ब्यौरा देते हुए मृतका को अब तक दिए गए 10 लाख रुपये का विवरण मीडिया को बता दिया। पीड़िता के परिजनों ने बुधवार सुबह आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की और बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया।
सरकार ने गठित की एसआईटी
हाथरस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी गठित कर दी है। गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यों वाली एसआईटी में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने घटना की तह तक जाने के और समय पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मामले के चारों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाने के और अभियुक्तों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के आदेश दिए हैं।
‘माँ गिड़गिड़ाती रही पर बेटी का चेहरा नहीं दिखाया’
शव का अंतिम संस्कार हो जाने की ख़बर मिलने के बाद हाथरस गैंगरेप पीड़िता के घरवालों का ग़ुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की और अस्पताल के बाहर नाली में ढकेल दिया। पीड़िता के भाई संदीप ने कहा कि हमें चेहरा तक नहीं दिखाया, क्या सरकार का ऑर्डर था ये। उन्होंने कहा कि अब तक परिवार को सुरक्षा देने में नाकाम रही सरकार ने उलटा भारी पुलिस बल उन्हें रोकने के लिए लगा दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जानवर का रूप ले लिया है और वह दरिंदों के साथ खड़ी हो गयी है। संदीप ने कहा कि माँ अपनी बेटी का शव देखना चाहती थी और वह पुलिस से गिड़गिड़ाती रही पर पुलिस ने मुँह तक नहीं देखने दिया। माँ आंचल फैलाकर भीख माँगती रही पर पुलिस ने संवेदनहीनता की हदें पार दीं।
रात ढाई बजे अंतिम संस्कार
हाथरस में आधी रात पीड़िता का शव लेकर पहुँची पुलिस ने आला अधिकारियों की मौजूदगी में मंगलवार देर रात ढाई बजे अंतिम संस्कार कर दिया। परिजन और गाँव के लोग शव को घर ले जाने की माँग करते रह गए। एक बार फिर पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।
गाँववालों का कहना है कि उन्हें कम से कम सम्मानजनक तरीक़े से अंतिम संस्कार की अनुमति दी जानी चाहिए थी। पुलिस ने अंतिम संस्कार कर देने के बाद परिजनों को इसकी सूचना देकर घर जाने को कहा।
फूटा ग़ुस्सा, लोग सड़कों पर उतरे
उधर, हाथरस में पीड़िता की मौत और शव घरवालों को न दिए जाने के बाद लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ा। देर रात हाथरस में सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध जताना शुरू कर दिया। लोगों ने हाथरस से अलीगढ़ को जाने वाली सड़क जाम कर दी। आला अधिकारियों ने मौक़े पर पहुँच लोगों को शांत करने की कोशिश की। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के कई शहरों मं मंगलवार दिनभर कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता प्रदर्शन कर गिरफ्तारी देते रहे। मंगलवार देर शाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कैंडल मार्च निकाला जिन्हें पुलिस ने दफ्तर के गेट से आगे बढ़ने नहीं दिया। अरसे बाद मंगलवार को बड़ी तादाद में महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर राजधानी में गिरफ्तारी दी।
प्रियंका ने कहा, अन्याय का बोलबाला
बुधवार सुबह होते प्रियंका ने योगी सरकार पर हमला बोला और ट्वीट कर कहा कि रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया।
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, '...जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।' उन्होंने इसे घोर अमानवीयता बताते हुए कहा कि योगी सरकार ने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की माँग करते हुए प्रियंका ने कहा कि आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ़ अन्याय का बोलबाला है।