हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
हरिद्वार में बीते महीने आयोजित हुई धर्म संसद को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है। सीजेआई एनवी रमना ने सोमवार को कहा कि शीर्ष अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी। उन्होंने यह बात कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल की ओर से दायर याचिका के जवाब में कही।
कपिल सिब्बल ने धर्म संसद को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। सिब्बल ने कहा कि भारत का स्लोगन सत्यमेव जयते से बदलकर शास्त्र मेव जयते हो गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस धर्म संसद में की गई भड़काऊ बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई करें।
सिब्बल ने अदालत को बताया कि इस मामले में अभी तक सिर्फ एफ़आईआर ही दर्ज की गई है। धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बातें की गई थी।
इस धर्म संसद और दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 76 नामी वकील भी सीजेआई एनवी रमना को चिट्ठी लिख चुके हैं। वकीलों ने मांग की थी कि इस कार्यक्रम का संज्ञान लिया जाए।
अहमियत न दें: गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इस तरह की बातों को नजरअंदाज करना चाहिए और इन्हें महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। गडकरी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा, हमें सभी धर्मों के प्रति सम्मान रखना चाहिए और किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए।
हरिद्वार की धर्म संसद में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, पूजा शकुनि पांडे उर्फ साध्वी अन्नपूर्णा, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफरती भाषण दिए और नरसंहार की बातें कहीं।
प्रबोधानंद गिरि की फोटो कई बीजेपी नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हैं।