+
हरियाणा में गौ तस्करी के संदेह में शख्स को मार डाला, लिंचिंग क्यों नहीं रुक रही?

हरियाणा में गौ तस्करी के संदेह में शख्स को मार डाला, लिंचिंग क्यों नहीं रुक रही?

हरियाणा के पलवल में लिंचिंग की घटना क्यों हुई? गौ तस्करी के नाम पर लिंचिंग के शिकार कौन हैं? जानिए, हरियाणा सहित देश भर से कैसे मामले आते रहे हैं।

दिल्ली से सटे हरियाणा में गौ तस्करी के संदेह में एक शख्स की लिंचिंग कर दी गई है। रिपोर्ट है कि पलवल में चार दिन पहले भीड़ ने दो लोगों की इस संदेह में पिटाई कर दी कि वे हत्या के लिए गाय ले जा रहे थे। पिटाई के एक दिन बाद एक शख्स की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतक की पहचान भूड़पुर निवासी यूसुफ के रूप में हुई है। इस मामले में दो एफ़आईआर दर्ज की गई है। एक में तो गौ तस्करी का आरोप लगाया गया है, जबकि दूसरी एफआईआर मृतक के परिजनों ने दर्ज कराया है और इसमें हत्या का आरोप लगाया गया है।

वैसे, हरियाणा में यह कोई अकेला मामला नहीं है जिसमें गौ तस्करी का आरोप लगाकर किसी मुस्लिम को पीट-पीटकर मार डाला गया हो। ऐसे मामले इस राज्य के साथ ही देश के कई हिस्सों से लगातार आते रहे हैं। ऐसे मामलों को जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर पलवल में हुई इस ताज़ा घटना में अब तक क्या सामने आया है। 

हरियाणा पुलिस ने शनिवार को यूसुफ और रवि नाम के दो लोगों के ख़िलाफ़ गौ तस्करी का मामला दर्ज किया। रविवार देर रात यूसुफ के परिवार की शिकायत के आधार पर 10 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार पहली एफ़आईआर हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम 2015 की धाराओं के तहत दर्ज की गई। इसमें कहा गया है कि पुलिस को शुक्रवार को एक कॉल मिली जिसमें बताया गया कि औरंगाबाद गांव के पास लोगों के एक समूह ने एक वाहन को रोका और उसमें तीन गायें पाई गईं।

रिपोर्ट के अनुसार एफ़आईआर में कहा गया कि रवि नामक व्यक्ति वाहन चला रहा था, जबकि यूसुफ बाइक पर उसकी निगरानी कर रहा था। भीड़ ने दोनों लोगों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी।' रवि को मामूली चोटें आईं, लेकिन यूसुफ की हालत गंभीर थी। एएसआई ने एफआईआर में कहा है कि यूसुफ ने माना कि वह मार्ग का पता लगाने और पशुओं को राजस्थान ले जाने वाले वाहन के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए मोटरसाइकिल पर आगे चल रहा था।

हालाँकि, इलाज के दौरान यूसुफ की मौत हो जाने के बाद रविवार को उसके परिवार ने उसका शव पुलिस स्टेशन में लाया और उसे हत्या करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया। रविवार रात को पुलिस ने 10 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला जोड़ा, जिनके खिलाफ पहले मारपीट का मामला दर्ज किया गया था।

हरियाणा में पहले भी हो चुकी है लिंचिंग

हरियाणा में चरखी दादरी के बाढड़ा कस्बे में 27 अगस्त को साबिर मलिक को उग्र भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। भीड़ ने उन पर गोमांस खाने का आरोप लगाया था। अक्टूबर महीने में फरीदाबाद की लैब ने हरियाणा सरकार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बरामद मांस गोमांस नहीं था।

कोलकाता निवासी और पिछले पांच वर्षों से कूड़ा बीनने वाला मलिक अपनी पत्नी, अपनी ढाई साल की लड़की और अपने माता-पिता के साथ दक्षिणी हरियाणा के चरखी दादरी जिले में एक झोपड़ी में रह रहा था। पुलिस ने साबिर के घर से पका हुआ मांस बरामद किया था और उसे फरीदाबाद की सरकारी लैब में जांच के लिए भेज दिया।  

हरियाणा में गोरक्षकों का नेटवर्क है जो गोमांस ले जाने या खाने के संदेह में मुसलमानों पर हमला करने के लिए लगातार सुर्खियों में रहा है।

पिछले साल एक हिन्दू युवक की फरीदाबाद में कथित गोरक्षकों ने गौ तस्कर समझकर गोली मार दी थी। हालांकि 12 वीं का छात्र आर्यन मिश्रा अपने दोस्त और अपनी मां के साथ कार में था। लेकिन गोरक्षकों ने उन्हें गौ तस्कर समझा। फरीदाबाद, गुड़गांव, मेवात में कथित गोरक्षक रात को इसी तरह घूमते हैं और वाहनों को चेक करते हैं। इन पर पशु पालकों से वसूली आदि का आरोप भी लगता रहा है। 

भिवानी कांड

2023 में 15 फरवरी को राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के रहने वाले नासिर (25) और जुनैद (35) के बुरी तरह जले शव हरियाणा के भिवानी में जले हुए मिले थे। इन दोनों का उससे एक दिन पहले कथित गोरक्षकों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने एक आरोपी रिंकू सैनी को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी मोनू मानेसर था। 

हापुड़ लिंचिंग

पिछले साल हापुड़ लिंचिंग के आरोपी दोषी ठहरा दिए गए थे। दस दोषियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया। 2018 में गोहत्या के शक में दोषियों ने मदापुर निवासी कासिम को पीट-पीट कर मार डाला था, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। उत्तर प्रदेश की एक सत्र अदालत ने गोहत्या की झूठी अफवाह पर 45 वर्षीय कासिम की हत्या और 62 वर्षीय समीउद्दीन पर हमले से संबंधित 2018 के हापुड़ लिंचिंग मामले में दस लोगों को दोषी पाया।

बिहार की घटना 

2023 में बिहार के सीवान जिले में बीफ ले जाने के शक में एक भीड़ ने एक मुसलिम शख्स को पीट-पीट कर मार डाला था। भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के बाद वह शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, हसनपुर गाँव के रहने वाले 56 वर्षीय नसीम कुरैशी और उनका भतीजा फिरोज अहमद कुरैशी कुछ परिचितों से मिलने जा रहे थे। जोगिया गांव में भीड़ ने कथित तौर पर उन्हें रोक लिया था।

पिछले कुछ वर्षों में लिंचिंग के इतने मामले आए हैं कि आरएसएस तक की इस पर प्रतिक्रिया आई थी।

2021 में मोहन भागवत ने कहा था, 'लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। हिंदू-मुस्लिम अलग नहीं, बल्कि एक हैं। भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक है। भारत में इस्लाम ख़तरे में नहीं है।' उन्होंने कहा था कि भय के इस चक्र में न फंसें कि भारत में इसलाम को कोई ख़तरा है। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को ऐसे किसी डर में नहीं रहना चाहिए। 

मोहन भागवत ने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है। लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीक़ा क्या है। आरएसएस प्रमुख ने कहा था, ‘हम एक लोकतंत्र में हैं। यहाँ हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है और सिर्फ़ भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है।’

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें