सरकारी संपत्ति के नुक़सान पर हरियाणा पुलिस जब्त करेगी किसानों की संपत्ति
हरियाणा पुलिस ने उन किसानों की संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी है जिन्होंने अपने 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने एक बयान में कहा है कि किसानों द्वारा पंजाब-हरियाणा सीमा पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने और पुलिस पर पथराव करके कानून व्यवस्था को खराब करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
अंबाला पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'दिल्ली चलो' मार्च के हिस्से के रूप में शंभू सीमा पर लगाए गए अवरोधों को हटाने के लिए किसानों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें हुए नुक़सान की भरपाई प्रदर्शन करने वाले किसानों की संपत्ति से की जाएगी।
किसान आन्दोलन के दौरान हुई सरकारी सम्पति के नुकसान की भरपाई आन्दोलनकारियो की सम्पति की कुर्की और बैंक खातो को सीज करने की कार्यवाही शुरू ।
— Ambala Police (@AmbalaPolice) February 22, 2024
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पुलिस ने प्रदर्शनकारियों द्वारा अधिकारियों पर पथराव करने, सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नष्ट करने और शांति और व्यवस्था को बाधित करने के प्रयासों की घटनाओं की जानकारी दी है और इसको लेकर प्रदर्शनकारियों को आगाह किया है।
बयान में कहा गया है कि टकराव की वजह से लगभग 30 अधिकारी घायल हो गए, जिनमें से एक को ब्रेन हैमरेज हुआ और दो लोगों की जान चली गई।
प्रेस विज्ञप्ति में 'कुछ किसान नेताओं द्वारा सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से उत्तेजक सामग्री फैलाने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के उपयोग' पर चिंताएँ व्यक्त की गई हैं।
13 फरवरी को किसानों द्वारा अपना विरोध-प्रदर्शन शुरू किए जाने से पहले हरियाणा पुलिस ने यूनियनों को नोटिस भेजकर धमकी दी थी कि अगर उन्होंने अपने आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुँचाया तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि अगर विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया गया, तो नुक़सान की भरपाई के लिए बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे और संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
गुरुवार को हरियाणा पुलिस ने दावा किया कि किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान अंबाला जिले में दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए।
पुलिस ने शुरू में कहा था कि वह प्रदर्शनकारी किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 के तहत कार्रवाई करेगी, लेकिन बाद में आदेश रद्द कर दिया गया।
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बता दें कि 13 फरवरी से शुरू हुआ किसानों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को तब दो दिनों के लिए रोक दिया गया था जब पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर झड़प में एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई। पीटीआई के मुताबिक, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शंभू में संवाददाताओं से कहा था कि वे शुक्रवार शाम को अगली कार्रवाई तय करेंगे।