हरियाणाः 3 लालों के परिवार ने भाजपा को कांग्रेसमय कर दिया
हरियाणा में भाजपा के पुराने लोग कहते हैं कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि कांग्रेस के तीनों लाल के परिवार के लोग भाजपा पर कब्जा कर लेंगे। इतिहास में पहली बार हरियाणा के तीन 'लालों' का परिवार भाजपा में है। इससे तो ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों - देवी लाल, भजन लाल और बंसी लाल के तीन राजनीतिक परिवारों की एंट्री के बाद भाजपा का वंशवादी राजनीति का रोना अब खत्म हो जाना चाहिए।
भाजपा ने परिवारवाद पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उसके प्रवक्ता राजीव जेटली ने यह जरूर कहा कि तीनों लालों के परिवार के सदस्यों का भाजपा में शामिल होना हरियाणा में चौथे लाल मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के तहत पार्टी की नीतियों और विकास कार्यों का समर्थन है। इस बेतुकी और बचकानी दलील का तीनों लाल के परिवारवाद से कोई मतलब नहीं है।
असल कहानी ये है कि इन तीनों लाल के परिवार के सहारे भाजपा हरियाणा में तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने का ख्बाव देख रही है। पिछली बार यानी 2019 में ओमप्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला के दम पर ही भाजपा की सरकार बनी थी। चौटाला पूर्व सीएम देवीलाल के बेटे हैं। लेकिन अब भाजपा हरियाणा में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत का रास्ता बंसीलाल और भजनलाल के परिवारों के जरिए देख रही है। देवीलाल के दूसरे बेटे रणजीत सिंह पहले से ही भाजपा में हैं और अभी ताजा-ताजा हिसार से चुनाव हारे हैं।
आधुनिक हरियाणा के निर्माता माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू और तोशाम विधायक किरण चौधरी के भाजपा में प्रवेश के साथ ही तीनों लाल के परिवारों का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला पूरा होता नजर आ रहा है।
बंसीलाल के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल और देवीलाल का परिवार भी इस समय भाजपा के अधीन है। पूर्व सांसद और भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई 2022 में भाजपा में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके बेटे भव्य बिश्नोई हिसार के आदमपुर से भाजपा विधायक हैं।
इसी तरह, हरियाणा के ऊर्जा मंत्री और देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर हिसार संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। वह हालिया लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए थे। इस बीच, देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल, जो भाजपा की हिसार जिला इकाई के अध्यक्ष हैं, पिछले कुछ वर्षों से पार्टी में हैं।
यह भी बताते चलें कि भाजपा बंसीलाल सरकार और ओम प्रकाश चौटाला सरकार की जूनियर पार्टनर भी रही है। भजनलाल शासन के दौरान भाजपा विपक्ष में रही है।
हालाँकि, 2014 हरियाणा के इतिहास का महत्वपूर्ण मोड़ था जब भाजपा ने अपने दम पर सरकार बनाई। जेजेपी, जिसका नेतृत्व देवी लाल के पोते अजय चौटाला कर रहे हैं, 2019 से 2024 तक भाजपा की गठबंधन सहयोगी थी। अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला 2019 से 2024 तक हरियाणा के उपमुख्यमंत्री थे। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के आते ही सीटों को लेकर दोनों पार्टियों में मतभेद हो गए और दुष्यंत गठबंधन से बाहर आ गए।
अब लगता है कि तीनों लालों की राजनीति का अंत होने के बाद उनके परिवारों के सामने अस्तित्व का संकट है। अब, इन परिवारों के सदस्य हरियाणा की राजनीति में खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए स्पष्ट रूप से भाजपा में शामिल होकर पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए हरियाणा में भाजपा अब कांग्रेसमय नजर आ रही है।