हरियाणा में कैबिनेट में फेरबदल से पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया है। उनका यह इस्तीफ़ा तब हुआ है जब ख़बर है कि राज्य में बीजेपी और जेजेपी यानी जननायक जनता पार्टी का गठबंधन टूट रहा है। हालाँकि, गठबंधन टूटने की औपचारिक घोषणा दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई थी, लेकिन बात नहीं बन पाई।
इस्तीफ़े से पहले मंगलवार सुबह बीजेपी और जेजेपी ने अलग-अलग अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक की। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अब पूरी कैबिनेट बदली जा सकती है और इसमें जेजेपी के मंत्री शामिल नहीं हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बँटवारे की बातचीत अटकी हुई है, क्योंकि बीजेपी ने हरियाणा की 10 सीटों में से 2 पर जेजेपी की मांग नहीं मानी है। 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के बहुमत से दूर रहने के बाद जेजेपी और भाजपा राज्य में चुनाव के बाद एक साथ आए थे।
जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को नई दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, जहां कथित तौर पर उन्हें बताया गया कि पार्टी उनके साथ कोई लोकसभा सीट साझा नहीं करेगी। ऐसा कुछ ही घंटों बाद हुआ जब दुष्यंत ने एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था। मंगलवार सुबह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ दुष्यंत की निर्धारित बैठक नहीं हो पाई।
लोकसभा के लिए सीट बँटवारे की बातचीत विफल होने पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी गठबंधन में विभाजन के बाद अब फिर से नयी कैबिनेट का नेतृत्व खट्टर कर सकते हैं, हालाँकि अन्य नामों की भी चर्चा है। फिलहाल, 90 सदस्यीय विधानसभा में 41 बीजेपी के विधायक हैं। जेजेपी के 10 विधायक, कांग्रेस के 30, आईएनएलडी के हरियाणा लोकहित पार्टी के 1 और निर्दलयी 7 विधायक हैं।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि जेजेपी के 5 विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। नई सरकार को संभवत: सात निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त होगा।
रिपोर्ट के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री को शपथ दिलाए जाने की संभावना है। शीघ्र ही विधायक दल की बैठक होने की संभावना है, जिसमें राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा कार्यवाही का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए दुष्यंत ने नई दिल्ली में पार्टी के सभी 10 विधायकों और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। लेकिन इसके लिए सभी विधायक नहीं पहुँचे हैं। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि 4-5 विधायक बैठक से दूर रह सकते हैं। इन विधायकों के बारे में कहा जा रहा है कि वे पाला बदल सकते हैं।
इस बीच बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करने के लिए निर्दलीय विधायक चंडीगढ़ पहुंचने लगे हैं। हरियाणा विधानसभा में हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मेरा मानना है कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन लगभग खत्म हो गया है। भाजपा को हरियाणा में सभी 10 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहिए। मैं लंबे समय से कह रहा था कि बीजेपी को जेजेपी के समर्थन की जरूरत नहीं है।'