हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सोमवार 3 फरवरी को सुबह-सुबह अपने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर जबरदस्त हमला बोला। विज ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सैनी उन लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जिन्होंने पिछले चुनाव में बीजेपी को और उन्हें हराने के लिए काम किया था। विज कई दिनों से हमलावर थे। उन्होंने रेप के आरोप का सामना कर रहे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली को भी हटाने की मांग की लेकिन पार्टी आलाकमान ने अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। विज ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी या मुख्यमंत्री उन पर कार्रवाई करना चाहें तो कर सकते हैं।
अनिल विज ने सोमवार को एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है- आशीष तायल जो खुद को नायब सैनी का मित्र बताते हैं उनकी फ़ेसबुक पर नायब सैनी के साथ अनेकों चित्र मौजूद हैं। आशीष तायल के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान जो कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं वही कार्यकर्ता चित्रा सरवरा भाजपा की विरोधी उम्मीदवार के साथ भी नजर आ रहे हैं। ये रिश्ता क्या कहलाता है..? तायल आज भी नायब सैनी के परम मित्र बने हुए है तो फिर प्रश्न उठता है भाजपा उम्मीदवार की मुखालफत किसने करवाई ?
आंदोलन की धमकी
विज खुलेआम पार्टी नेताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं. वह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि अगर अंबाला छावनी के लोगों के काम प्रभावित हुए तो वह अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देंगे। मंत्री ने पहले दावा किया था कि अधिकारियों ने उनके निर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके बाद उन्होंने 'जनता दरबार' आयोजित करना भी बंद कर दिया था।
इससे पहले विज ने रविवार को रोहतक में कहा कि "एक मंत्री के रूप में मैंने किसी से कुछ नहीं लिया है, मैंने कोई बंगला नहीं लिया है, सिर्फ एक कार ली है... " कोई मेरी विधायक सीट नहीं छीन सकता है, यह जनता ने ही मुझे दी है, अगर वे मेरा मंत्री पद छीनना चाहते हैं, तो ले सकते हैं।'' विज ने कहा था- अम्बाला छावनी की जनता ने मुझे 7 बार विधायक बनाया इनके लिए यदि डल्लेवाल की तरह आमरण अनशन भी करना पड़ा तो करूंगा।
अनिल विज इससे पहले भी मुख्यमंत्री पर सीधा हमला कर चुके हैं। विज ने कहा था- "नायब सैनी जब से मुख्यमंत्री बने है तब से उड़न खटोले पर है, ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सभी विधायकों और मंत्रियों की आवाज है।" खास बात यह है कि अनिल विज के इन आरोपों का पार्टी कोई जवाब नहीं दे पा रही है।
रेप के आरोपी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पर भी हमला
अनिल विज ने पार्टी नेतृत्व को चुनौती देते हुए गैंगरेप के आरोपों का सामना कर रहे राज्य भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के इस्तीफे की मांग की। विज ने कहा- "वह धारा 376डी (गैंगरेप) के तहत आरोपी है... ऐसा व्यक्ति महिलाओं की बैठक की अध्यक्षता कैसे कर सकता है?" विज ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मांग की वजह से अगर वे मंत्रालय छीनना चाहते हैं, तो वे छीन सकते हैं। मुझे परवाह नहीं है।
गैंगरेप के आरोपी हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष मोहन लाल बडोली
बडोली पर लगे आरोपों का जिक्र करते हुए विज ने कहा- “पार्टी के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए, उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। यहां तक कि आडवाणी जी जैसे हमारे वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने ऊपर आरोप लगने पर इस्तीफा दे दिया था। वह उनसे ऊपर नहीं है।” बता दें कि दिसंबर 2024 में, बडोली और गायक रॉकी मित्तल पर हिमाचल प्रदेश में सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था, हालांकि दोनों ने आरोपों से इनकार किया है। कहा जा रहा है कि ब्राह्णण होने के नाते बडोली को बचाया जा रहा है। बीजेपी को हरियाणा के ब्राह्मणों के नाराज होने का खतरा है।
विज के दबाव पर अंबाला के डीसी को हटाया
अनिल विज ने अंबाला के डीसी के खिलाफ भी मोर्चा खोला था। उनका आरोप था कि डीसी जनता की नहीं सुन रहा है। उनके गुस्से के बाद हरियाणा सरकार ने डीसी पार्थ गुप्ता को यमुनानगर भेज दिया, उनकी जगह अजय सिंह तोमर को नियुक्त किया गया है। हालांकि गुप्ता को हटाने का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया, लेकिन सूत्रों ने इस कदम को विज के असंतोष से जोड़ा। विज ने तबादले को महत्वहीन बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ''मैंने खुले मंच से कहा था कि चुनाव के दौरान अधिकारियों ने मेरे खिलाफ काम किया। अब, 100 दिनों के बाद, चाहे किसी का ट्रांसफर हो या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”अनिल विज की नाराजगी से परिचित सूत्रों ने कहा कि विज नाखुश हैं क्योंकि जिन अधिकारियों के बारे में उन्होंने शिकायत की थी उनका अभी तक तबादला नहीं किया गया है। विज की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर सीएम सैनी की एकमात्र प्रतिक्रिया है: "अनिल विज हमारे नेता हैं।"
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)