यूक्रेन के समर्थन में आए 'डिजिटल लड़ाके', रूस के ख़िलाफ़ छेड़ा साइबर युद्ध
वैसे तो साइबर हमले गुपचुप तरीक़े से किए जाते हैं, लेकिन यूक्रेन में रूस के हमले के मामले में साइबर हमले की खुलेआम घोषणा की गई है। यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस के युद्ध छेड़ने के साथ ही दुनिया भर के कई हैकर यूक्रेन के समर्थन में आ गए। खुद को अनानमस कलेक्टिव यानी अज्ञात समूह बताने वाले एक समूह ने रूस के ख़िलाफ़ साइबर हमले को लेकर ट्वीट किया। इस घोषणा के बाद रूसी प्रतिष्ठानों पर लगातार हमले हो रहे हैं।
ऐसा सबसे ताज़ा हमला रूस के आर्थिक विकास के मंत्रालय पर हुआ। अनानमस ने ट्वीट किया है कि उसने आर्थिक विकास मंत्रालय के डाटाबेस को लीक किया है।
The #Anonymous collective has leaked the database of the Ministry of Economic Development of Russia. #Ukraine
— Anonymous (@YourAnonOne) March 1, 2022
इस मामले में सबसे पहला ट्वीट 25 फ़रवरी यानी यूक्रेन पर रूस के हमले के एक दिन बाद आया था। रूस के इस हमले से पहले यूक्रेन के सरकारी विभागों और बैंकों को साइबर हमले से निशाना बनाया गया था और समझा जाता है कि उसके पीछे रूस का हाथ था। ऐसी रिपोर्टों के बीच ही हैकर समूह अनानमस कलेक्टिव के @YourAnonOne खाते से ट्वीट किया गया कि इसके निशाने पर व्लादिमीर पुतिन का शासन है।
हैकर समूह अनानमस को दुनिया भर में ऑनलाइन हमलों से जोड़ा जाता है। इसका मक़सद सरकारों को उन नीतियों के लिए दंडित करना है, जिन्हें हैकर्स पसंद नहीं करते हैं। सदस्यों को 'एनोन्स' के रूप में जाना जाता है और उनकी गाइ फॉक्स मास्क पहचान है। आम तौर पर इनके हैकिंग अभियानों के लिए समूह को 'डिजिटल रॉबिन हुड' से लेकर 'साइबर आतंकवादी' के तौर पर देखा जाता है।
अनानमस नाम के यूज़र ने ट्वीट किया, 'अनानमस कलेक्टिव ने आधिकारिक तौर पर रूसी सरकार के ख़िलाफ़ साइबर युद्ध छेड़ा है।'
The Anonymous collective is officially in cyber war against the Russian government. #Anonymous #Ukraine
— Anonymous (@YourAnonOne) February 24, 2022
रूस के ख़िलाफ़ साइबर हमले की इस घोषणा की सोशल मीडिया पर लोगों ने तारीफ़ की। अनानमस कलेक्टिव के इस ट्वीट को 3 लाख से ज़्यादा लोगों ने लाइक किया है और 60 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इसे रिट्वीट किया है। साइबर हमले की घोषणा का मतलब है कि रूस पर अब ऐसे हमले लगातार होते रह सकते हैं।
उन दिनों के बाद से समूह ने कई साइबर घटनाओं को अंजाम देने का दावा किया है। इनमें से कई तो उस तरह के हमले हैं जिनमें रूस की सरकारी वेबसाइटें खुल नहीं रही थीं। सरकार समर्थित समाचार सेवा रूस टुडे भी हमले का शिकार हुआ था। रविवार को क्रेमलिन और रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक साइटें भी नहीं खुल पा रही थीं।
अनानमस कलेक्टिव ने यह भी कहा था कि उसने रूस के रक्षा मंत्रालय के डेटाबेस को हैक कर लिया था। ट्विटर पर इसने रविवार को यह दावा किया था कि इसने रूस के सरकारी टीवी चैनलों को हैक कर लिया था, जिसमें यूक्रेन समर्थित सामग्री पोस्ट की गई थी और इसमें देशभक्ति गीत और आक्रमण के चित्र भी दिखाए गए थे।
JUST IN: #Russian state TV channels have been hacked by #Anonymous to broadcast the truth about what happens in #Ukraine. #OpRussia #OpKremlin #FckPutin #StandWithUkriane pic.twitter.com/vBq8pQnjPc
— Anonymous TV 🇺🇦 (@YourAnonTV) February 26, 2022
Someone hacked into Russian state TV channels. They feature Ukrainian music and national symbols. 🇺🇦
— BECZKA ✌️ (@beczka_tv) February 26, 2022
Internet users suspect that this may be another action by the hacker group #Anonymous, which declared a cyber war to Russia in connection with the attack on #Ukraine. pic.twitter.com/XaoclymVTs
हालाँकि, इसकी पुष्टि करना मुश्किल है कि असल में ये साइबर हमले अनानमस ने किया है या नहीं। 'द गार्डियन' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म मैंडिएंट के एक सलाहकार जेमी कोलियर ने कहा, 'इस गतिविधि को सीधे अनानमस से जोड़ना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि जिन संस्थाओं को निशाना बनाया गया वे तकनीकी डेटा प्रकाशित करने के लिए अनिच्छुक हो सकती हैं। हालाँकि, अनानमस समूह के पास इस तरह की गतिविधि करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड है और यह उनकी क्षमताओं के अनुरूप है।'
रूस टुडे ने खुले तौर पर अपनी वेबसाइट के साथ दिक्कत आने के लिए अनानमस को ज़िम्मेदार ठहराया, और दावा किया कि इस समूह द्वारा 'युद्ध की घोषणा' के बाद अमेरिका से हमले हुए।