H3N2 से भारत में पहली मौत कर्नाटक में, हरियाणा में भी एक मौत
कर्नाटक में एच3एन2 वायरस से पहली मौत की रिपोर्ट है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बताया है कि हासन जिले के अलूर तालुक के एक 82 वर्षीय व्यक्ति की 1 मार्च को वायरस के कारण मौत हो गई। देश में इस वायरस से यह पहली मौत का मामला बताया जा रहा है। इसके अलावा हरियाणा में भी इस संक्रमण से एक की मौत की ख़बर है।
कर्नाटक से जो मामला सामने आया है उसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित की पहचान हिरे गौड़ा के रूप में हुई है। उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और एक मार्च को उनकी मौत हो गई। मौत के दो दिन बाद 3 मार्च को उनकी लैब रिपोर्ट में एच3एन2 के संक्रमण की पुष्टि हुई। वह कथित तौर पर डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज थे।
देश भर में एच3एन2 के अब तक क़रीब 90 मामले आए हैं। एच3एन2 वायरस को 'हॉन्ग कॉन्ग फ्लू' भी कहा जाता है। एच1एन1 वायरस के भी आठ मामले दर्ज किए गए हैं। यही दो वायरस के मामले अभी देश में आए हैं। इन दोनों ही वायरस से संक्रमित व्यक्ति में कोरोना जैसे लक्षण- कफ, बुखार, साँस लेने में दिक्कत दिखाई देते हैं। हालाँकि ये दोनों ही वायरस कोरोना जितना ख़तरनाक़ नहीं हैं, लेकिन इससे मौत भी हो सकती है और दुनिया भर में 68 लाख मौतें हुई हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस काफ़ी ज़्यादा संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क में आने से फैलता है। डॉक्टरों ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने समेत कोविड जैसी सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है।
क्रोनिक डिजीज यानी पुरानी बीमारियों के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के अलावा बड़े वयस्कों, छोटे बच्चों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए संक्रमण गंभीर हो सकता है।
एच3एन2 के जो मामले सामने आए हैं उसको लेकर डॉक्टरों ने आगाह किया है। हासन जिले के जिला स्वास्थ्य अधिकारी एरेगौड़ा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, '24 फरवरी को हिरे गौड़ा को खांसी और सर्दी की शिकायत के बाद एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एच3एन2 के लिए उनके सैंपल लिए गए थे। एक मार्च को उनका निधन हो गया। हमें उनकी मृत्यु के दो दिन बाद 3 मार्च को उनकी रिपोर्ट मिली जिसमें एच3एन2 के लिए उनकी पुष्टि हुई। हमने गौड़ा के आवास के पास के निवासियों का परीक्षण किया है। हमें एच3एन2 का कोई और मामला नहीं मिला है। हालांकि, अब हम नियमित निगरानी पर हैं।'
राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 6 मार्च को स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए संक्रमण के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एक सलाह जारी की थी।
राज्य के सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे निदान के लिए नियमित निगरानी करें। कर्नाटक के स्वास्थ्य आयुक्त रणदीप डी द्वारा हस्ताक्षरित सर्कुलर में कहा गया है कि डीएचओ को स्वास्थ्य सुविधाओं में दवाओं की सभी आवश्यक खुराक का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करना होगा।