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ज्ञानवापीः मसजिद कमेटी की याचिका खारिज, मंदिर वाले मुकदमे की अनुमति

ज्ञानवापीः मसजिद कमेटी की याचिका खारिज, मंदिर वाले मुकदमे की अनुमति

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को मसजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने वाराणसी के ज्ञानवापी में "मंदिर की बहाली" की मांग करने वाले सिविल सूट केस चलाने की अनुमति दे दी है। 

ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला मंगलवार को आया। हाईकोर्ट ने मस्जिद समिति की सभी याचिकाएं खारिज की गईं। 1991 विवाद पर वाराणसी कोर्ट में सुनवाई होगी। छह महीने में सुनवाई समाप्त करने का निर्देश दिया गया है। इस केस में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने याचिकाएं दायर की थीं। 

अदालत ने वाराणसी अदालत के सामने लंबित हिंदू पक्ष द्वारा दायर 1991 के सिविल मुकदमे की सुनवाई के खिलाफ दो याचिकाएं और 2021 एएसआई सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ तीन याचिकाएं खारिज कर दीं। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने निचली अदालत को मामले पर छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने को भी कहा।

हाई कोर्ट ने आगे कहा कि अगर सर्वे करते समय कुछ बाकी रह गया है तो दोबारा किया जा सकता है और रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में सौंपी जा सकती है। मुस्लिम पक्ष ने उस सिविल मुकदमे को चुनौती दी थी जिसमें पूजा करने का अधिकार और मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण के वाराणसी अदालत के 2021 के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। उन्होंने तर्क दिया था कि सिविल सूट 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत वर्जित है।

इस बीच, हिंदू पक्ष ने अपने सिविल मुकदमे में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर का एक हिस्सा है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि 1991 का सिविल मुकदमा चलने योग्य है और पूजा स्थल अधिनियम द्वारा वर्जित नहीं है।

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