गुरपतवंत सिंहः भारतीय जासूसी एजेंसी 'रॉ' को अगस्त से है साजिश की जानकारी
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पहली बार अगस्त एक बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ इस तरह की "चिंता" को उठाया। सुलिवन और डोभाल दोनों ने 6 अगस्त को जेद्दा में यूक्रेन युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस बैठक में सुलिवन ने तमाम तथ्यों की तरफ इशारा किया था।
डोभाल और सूलिवन की मुलाकात के बाद वाशिंगटन पोस्ट ने यह भी बताया कि एक हफ्ते बाद, सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख रवि सिन्हा से बात करने के लिए नई दिल्ली की यात्रा की। यहां बताना जरूरी है कि रॉ विदेशों में भारत के लिए जासूसी का काम करती है। हालांकि यह अधिकृत सूचना नहीं है। लेकिन समय-समय पर ऐसी जानकारी सामने आती रहती है।
अमेरिका और कनाडा के संबंध हमेशा मधुर रहे है। इसलिए उन दोनों ने भारत पर आरोप लगाने से पहले अपने अधिकारी भारत भेज कर तथ्यों की पुष्टि की। उसके बाद आरोप सामने आए। जब सीआईए अधिकारी भारत आए तो लगभग उसी समय कनाडाई मीडिया ने बताया कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने निज्जर हत्या के सिलसिले में अगस्त और सितंबर में भारत की यात्रा की थी।
इसके बाद सितंबर में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो नई दिल्ली आए। उन्होंने सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मामले को उठाया। जब पीएम मोदी से कना़डा को कोई ठोस आश्वसन नहीं मिला तो ट्रूडो ने भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वो कनाडा में खालिस्तान आंदोलन पर रोक नहीं लगा सकता, क्योंकि वहां के नागरिक अधिकार कनाडा सरकार को इसकी अनुमति नहीं देते। कनाडा के लिए अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा सबकुछ है। इसके बाद कनाडा ने भारतीय राजनियक को निकालने की शुरूआत कर दी। भारत ने भी कनाडाई राजनयिक निकाले और संबंध बिगड़ते चले गए।
ट्रूडो ने 19 सितंबर, 2023 को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के "विश्वसनीय आरोप" हैं। भारत ने आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" बताया। व्हाइट हाउस एनएससी के प्रवक्ता ने पहली प्रतिक्रिया में कहा कि अमेरिका कनाडा के आरोपों से "बहुत चिंतित" है। अमेरिकी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत जांच को आगे बढ़ाए और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। यानी यूएस ने एक तरह से कनाडा की मांग का समर्थन कर दिया।
कनाडा में 23 सितंबर, 2023 को अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने सीटीवी को बताया कि "फाइव आइज पार्टनर्स के बीच साझा की गई खुफिया जानकारी" ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत सरकार और निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के सार्वजनिक आरोप की जानकारी दी।
सितंबर में एस जयशंकर अमेरिका पहुंचे। 28 सितंबर, 2023 को वाशिंगटन में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच बैठक में जारी आधिकारिक बयान में कनाडा के आरोपों का कोई उल्लेख नहीं था। लेकिन अमेरिका ने अलग से भारत से निज्जर की हत्या में कनाडा की जांच में सहयोग करने का आग्रह किया।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश पर चर्चा करने के लिए भारत का दौरा किया। वह इसकी जांच में सहायता के लिए भारत सरकार के साथ साजिश के बारे में जानकारी साझा करते हैं। लेकिन भारत ने सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का पद बहुत बड़ा होता है। भारत सरकार को जब इतने बड़े स्तर से जानकारी मिल गई थी तो भी उसका कोई बयान नहीं आया।
अमेरिका ने 10 नवंबर, 2023 को महत्वपूर्ण सार्वजनिक बयान दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत निज्जर की हत्या की जांच पर कनाडा के साथ काम करे। उन्होंने नई दिल्ली में 2+2 बैठक के दौरान एस जयशंकर के साथ इस मामले को नए सिरे से उठाया।
फाइनेंशियल टाइम्स ने सबसे पहले 22 नवंबर, 2023 को बताया कि अमेरिका ने "अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को विफल कर दिया और साजिश में शामिल होने की चिंताओं पर भारत सरकार को चेतावनी जारी की।" इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जून में केस दायर किया गया और कोर्ट को सीलबंद दस्तावेज दिए गए। इसके बाद व्हाइट हाउस ने भी पुष्टि की कि वह "इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है, और इसे अमेरिकी सरकार द्वारा वरिष्ठतम स्तर पर भारत सरकार के साथ उठाया गया है।" भारत के विदेश मंत्रालय ने इसके बाद कहा कि वाशिंगटन ने "संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए हैं।" भारत इसका पालन करेगा।
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28 नवंबर 2023 को अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क पोस्ट ने मैनहट्टन फेडरल कोर्ट के दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया। जिसमें किसी सीसी 1 द्वारा अमेरिका में निखिल गुप्ता को इस साजिश को रचने की जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया जाता है। भारत के किसी अधिकारी की ओर से भेजे गए सारे संदेश सार्वजनिक हो जाते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया सहित भारत के तमाम मीडिया आउटलेट इस स्टोरी को छाप देते हैं।
इसके बाद 29 नवंबर, 202 को भारती विदेश मंत्रालय की पहली बार चुप्पी टूटती है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि 18 नवंबर को एक "उच्च-स्तरीय" जांच समिति पहले ही गठित की जा चुकी है। लेकिन कुछ घंटों बाद, वाशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित कर दी कि एक ताजा विस्तृत अभियोग कोर्ट में दायर किया गया है। जिसमें सारे संदेशों का खुलासा किया गया है। बहरहाल, इस मामले में भारत की भूमिका विवादास्पद हो गई है। मैनहट्टन कोर्ट में इस पर मुकदमा चलेगा। निखिल गुप्ता ने अगर वहां यह बयान दे दिया कि उसे भारतीय अधिकारी से निर्देश मिले थे तो उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो होगा, उसकी कल्पना अभी से नहीं की जा सकती। कनाडा के पीएम ने बयान देकर निज्जर के मामले में भी दबाव बना दिया है।