पंजाब के विधानसभा चुनाव में उतर चुके किसान संगठनों के संयुक्त समाज मोर्चा का गुरनाम सिंह चढ़ूनी की पार्टी के साथ गठबंधन हो सकता है। बता दें कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाकर पंजाब का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन करने वाले 32 किसान संगठनों में से 22 किसान संगठनों ने संयुक्त समाज मोर्चा नाम से पार्टी बनाई है। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल को इस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
उधर, संयुक्त समाज मोर्चा ने कहा है कि उनका आम आदमी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं होगा।
चढ़ूनी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि दोनों पार्टियों ने अभी उम्मीदवारों के एलान को टाल दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि विधानसभा चुनाव में सभी किसान संगठन एक प्लेटफार्म पर आएं।
हरियाणा से आने वाले किसान नेता चढ़ूनी ने कहा कि यह बेहतर होगा कि हम मिलकर चुनाव लड़ें और वह पहले से इसकी कोशिश करते रहे हैं।
बलवीर सिंह राजेवाल के बारे में यह भी चर्चा थी कि आम आदमी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बना सकती है। लेकिन ऐसा ना होने पर पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान को चेहरा बनाने का फैसला हुआ है हालांकि इसका औपचारिक रूप से एलान नहीं किया गया है।
इस सरहदी सूबे में किसान एक बड़ी राजनीतिक ताकत हैं और उनका ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ने वाली सीटों पर खासा असर है। देखना होगा कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी और संयुक्त समाज मोर्चा अगर साथ आते हैं तो क्या पंजाब में बाकी सियासी दलों के समीकरण इससे बिगड़ेंगे।
चढ़ूनी किसान आंदोलन के दौरान अपने जोरदार भाषणों से चर्चित हुए थे जबकि राजेवाल भी किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आए।
चुनाव लड़ चुके हैं चढ़ूनी
हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के बाशिंदे चढ़ूनी पिछले दो दशक से किसान राजनीति में सक्रिय हैं और यमुना नगर, कैथल, अंबाला सहित कुछ और जिलों में उनका असर भी है। अच्छी हिंदी और पंजाबी बोलने वाले चढ़ूनी ने 2019 में हरियाणा की लाडवा सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। चढ़ूनी की पत्नी बलविंदर कौर 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं।
पंजाब में विधानसभा की 117 सीटें हैं और यहां 14 फरवरी को एक ही चरण में मतदान होना है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है और उसे शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी सहित बाकी राजनीतिक दलों से जोरदार चुनौती मिल रही है।