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गुजरात के मंत्री बोले, ‘महान’ काम कर रहा आसाराम का आश्रम<b></b>

गुजरात के मंत्री बोले, ‘महान’ काम कर रहा आसाराम का आश्रम

गुजरात के मंत्री ने दुष्कर्म मामले में दोषी आसाराम के आश्रम को युवाओं को संस्कारी बनाने के लिए बधाई दी है। बीजेपी में कई और नेता हैं जिन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ बयान दिए हैं।

आसाराम का आश्रम ‘महान’ काम कर रहा है और युवाओं को अच्छा नागरिक बना रहा है, यह कहना है गुजरात सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा का। चुडासमा का कहना है कि आसाराम के आश्रम ने वेलेंटाइन डे की जगह पर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनाकर युवाओं को ‘संस्कारी’ बनाने का काम किया है। उन्होंने अपने लेटर पर पत्र लिखकर आसाराम के आश्रम को शुभकामनाएँ भी भेजी हैं (देखें ट्वीट)।

आपको बता दें कि, आसाराम के आश्रम में वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनाया जाता है। आसाराम बलात्कार के मामले में अदालत द्वारा दोषी क़रार दिए जाने के बाद से ही जेल में बंद हैं। 

भद्दा बयान : पहले बताया था मायावती को किन्नर से भी बदतर, अब दी सफ़ाई

चुडासमा गुजरात की सरकार में शिक्षा मंत्री जैसा अहम ओहदा संभाल रहे हैं। यह बात किसी सभ्य इंसान के कैसे गले उतर सकती है कि अपने ही आश्रम की साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया गया कोई कथित धार्मिक संत उम्रक़ैद की सजा काट रहा हो और उसे राज्य की सरकार का शिक्षा मंत्री इस बात के लिए बधाई दे कि वह युवाओं को संस्कारी बना रहा है। चुडासमा का लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनकी तीखी आलोचना हो रही है।

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सवाल यह है कि राज्य का शिक्षा मंत्री दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए एक कथित संत को बधाई देगा तो इससे उस विभाग के हजारों शिक्षकों और बच्चों के बीच क्या संदेश जाएगा। 

ये तो बात हुई चुडासमा की। लेकिन बीजेपी में ऐसे नेताओं की लंबी सूची है जो महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान देते रहे हैं। आइए, ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में बात करते हैं। 

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प्रियंका को बताया शूपर्णखा

इसके बाद सुनिए बीजेपी के एक ‘माननीय’ विधायक सुरेंद्र सिंह का ताज़ा बयान। बलिया से विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की बहन शूपर्णखा हैं। इन ‘माननीय’ विधायक ने पिछले साल बसपा सुप्रीमो मायावती की तुलना भैंस से कर दी थी। 

मायावती को कहा किन्नर

अब आता है नंबर बीजेपी की ही विधायक साधना सिंह का। साधना सिंह ने कुछ दिन पहले ही मायावती को किन्नर से भी बदतर बताया था। इस पर ख़ूब हंगामा हुआ था। साधना सिंह ने यह भी नहीं सोचा कि वह ख़ुद भी एक महिला हैं और एक महिला के ख़िलाफ़ इतनी भद्दी बात कैसे कर सकती हैं। 

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प्रियंका सिर्फ़ घरेलू महिला

बीजेपी की एक सांसद हैं सरोज पांडे। कुछ दिन पहले सरोज पांडे ने प्रियंका के राजनीति में आने पर कहा कि वह सिर्फ़ एक घरेलू महिला हैं। उन्होंने कहा था कि प्रियंका अगर तुरूप का इक्का हैं तो क्या कांग्रेस अभी ‘जोकर’ के साथ समय बर्बाद कर रही थी। ‘जोकर’ से उनका मतलब राहुल गाँधी से था। सरोज इसे एक सामान्य बात कहकर भी टाल सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। 

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प्रियंका को बताया ‘चॉकलेटी’ चेहरा

प्रियंका के राजनीति में आने पर ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस ‘चॉकलेटी’ चेहरों का सहारा लेकर चुनाव लड़ना चाहती है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री गोविंद नारायण झा ने कहा कि ‘सुंदर’ होने के अलावा प्रियंका गाँधी की कोई और उपलब्धि नहीं है। 

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'सुंदर' होने पर ही आएँ राजनीति में!

प्रियंका पर ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार की भी टिप्पणी सुनिए। कटियार ने कहा कि प्रियंका गाँधी उन हीरोइनों से ज़्यादा सुंदर नहीं हैं जो बीजेपी की स्टार प्रचारक हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के पास प्रियंका से ज़्यादा सुंदर चेहरे हैं। तो इसका मतलब यह हुआ कि महिलाओं को राजनीति में तब ही आना चाहिए जब वे बहुत ज़्यादा सुंदर हों! 

'राजनीति कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट नहीं'

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी प्रियंका के राजनीति में आने पर कहा कि राजनीति कोई 'ब्यूटी कॉन्टेस्ट' नहीं है। प्रियंका के इंदिरा गाँधी की तरह दिखने पर सुशील मोदी ने कहा था कि किसी की तरह दिखने से अगर कोई उसके जैसा क़ाबिल हो जाता तो हमारे पास कई अमिताभ बच्चन और कई विराट कोहली भी होते। सुशील मोदी बहुत वरिष्ठ नेता हैं लेकिन उन्होंने 'ब्यूटी कॉन्टेस्ट' वाली बात कहकर अपने क़द को काफ़ी छोटा कर लिया। 

'लड़की भगाने में मदद करूंगा'

महाराष्ट्र में बीजेपी के एक ‘माननीय’ विधायक हैं राम कदम। राम कदम ने पिछले साल दही हांडी के एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर कोई लड़का किसी लड़की को 'प्रपोज' करता है और वह लड़की इसके लिए तैयार नहीं है तो मैं उसे घर से भगाने में आपकी मदद करूंगा। 

सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर भी बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का जमकर विरोध किया था। कोर्ट ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति दे दी थी। बीजेपी ने इसके ख़िलाफ़ राज्य भर में प्रदर्शन किए थे। ग़ौरतलब है कि सबरीमला मंदिर में मान्यता है कि 10 से 50 साल तक की उम्र की महिलाएँ भगवान अयप्पा के दर्शन नहीं कर सकतीं। 

ये रहे ख़ुद के बूते और सहयोगियों के साथ 16 राज्यों में और केंद्र में सरकार चला रही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और सांसद, मंत्री, विधायक जैसे गरिमा वाले ओहदों पर बैठे नेताओं के बयान। इन बयानों को पढ़कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि महिलाओं के प्रति इनकी सोच क्या है।

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