गुजरात के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 25 फीसद नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेगी। यह बात गुजरात के गांधीनगर से सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कही है। गुजरात के लिए जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने वाला है और माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात के चुनाव नतीजे भी आ जाएंगे। हिमाचल के चुनाव नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।
वडोदरा में पत्रकारों से बातचीत में अमित शाह ने कहा कि टिकट देने के लिए चुनाव में जीत हासिल करने की योग्यता ही एकमात्र मापदंड है और पार्टी का संसदीय बोर्ड उम्मीदवारों के चयन को लेकर अंतिम फैसला लेगा।
साफ है कि 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में 25 फीसद नए टिकट देने का मतलब यह होगा कि पार्टी इस बार 45 से 46 नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में सियासी किस्मत आजमाने का मौका देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस साल मार्च में पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद से ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश की चुनावी तैयारी शुरू कर दी थी। इन तीनों ही नेताओं ने गुजरात और हिमाचल के ताबड़तोड़ दौरे किए हैं।
दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। गुजरात में बीजेपी 1995 से सत्ता में है जबकि हिमाचल में 1985 के बाद हर विधानसभा चुनाव में सरकार बदलती रही है।
टिकट काटती रही है बीजेपी
हालांकि बीजेपी के लिए चुनाव मैदान में 25 फीसद नए उम्मीदवारों को उतारना कोई नई बात नहीं है क्योंकि इससे पहले भी वह अलग-अलग चुनाव में बड़ी संख्या में नए चेहरों पर दांव लगाती रही है। 2017 के दिल्ली नगर निगम के चुनाव में बीजेपी ने सभी 272 वार्डों पर नए चेहरे उतारे थे। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने बड़ी संख्या में नए चेहरों को मैदान में उतारा था और पार्टी के कई नेताओं के टिकट काट दिए थे।
कुछ दिन पहले जारी हुई हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए 62 उम्मीदवारों की सूची में बीजेपी ने 10 विधायकों का टिकट साफ कर दिया था और दो मंत्रियों की सीट बदल दी थी।
देखना होगा कि बीजेपी क्या गुजरात में अपने विधायकों और मंत्रियों के टिकटों पर कैंची चलाएगी?
आम आदमी पार्टी की दस्तक
गुजरात के चुनाव में इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी शहरी सीटों पर बीजेपी को टक्कर दे सकती है। आम आदमी पार्टी पंजाब में मिली बड़ी जीत के बाद लगातार गुजरात पर फोकस कर रही है और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा करते हैं। हालांकि गुजरात की राजनीति अब तक दोध्रुवीय ही रही है और ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी चमत्कारिक प्रदर्शन कर पाएगी।
बीजेपी को फायदा होगा?
अमित शाह ने यह भी कहा कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 35 सीटें 5000 वोटों से कम के अंतर से जीती थी और इस बार जब आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में है तो बीजेपी का इन 35 सीटों पर जीत का अंतर बढ़कर आठ से 10,000 वोट का हो जाएगा। उनके कहने का सीधा अर्थ यही था कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने से बीजेपी को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले हुई एक चुनावी जनसभा में अर्बन नक्सल का मुद्दा छेड़कर बिना नाम लिए अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया था। गुजरात से ही आने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी की सक्रियता को लेकर बात कर रहे थे।
गुजरात चुनाव की तारीखों का एलान जल्द ही हो सकता है और यह माना जा रहा है कि बीजेपी उसके तुरंत बाद अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर देगी। देखने वाली बात यह होगी कि अगर बीजेपी 25 फीसद नए उम्मीदवारों को उतारती है तो क्या पार्टी के अंदर किसी तरह की बगावत देखने को मिलेगी और अगर बगावत हुई तो क्या पार्टी को इससे किसी तरह का कोई नुकसान होगा।