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भारी बारिश से हिमाचल, उत्तराखंड में तबाही, कई मौतें

भारी बारिश से हिमाचल, उत्तराखंड में तबाही, कई मौतें

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में भारी बारिश से तबाही आई है। कई जगहों पर फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं। जानिए कहां कैसी है स्थिति।

कई राज्यों में भारी बारिश से हालात ख़राब हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात जैसे राज्यों में ज़्यादा ही स्थिति ख़राब है। कई जगहों पर बारिश के बाद फ्लैश फ्लड यानी एकाएक बाढ़ आने और भूस्खलन होने से मौतें हुईंं और तबाही आई है। सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। तबाही के बीच ही उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में और अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है।

हिमाचल प्रदेश भारी बारिश से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। राज्य में पिछले कुछ घंटों में बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है।

भूस्खलन में एक नेपाली दंपति जिंदा दफन हो गया। शनिवार को शिमला में अचानक आई बाढ़ में ढाबा बह जाने से एक बुजुर्ग दंपति और उनके पोते के मरने की आशंका है।

शिमला में कोटखाई के कलाला गांव में भारी बारिश के कारण भूस्खलन के कारण उनका अस्थायी घर ढह गया, जिससे भेम बहादुर और उनकी पत्नी शीला की मौत हो गई। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि दोनों नेपाल के रहने वाले थे और कलाला में मज़दूर के रूप में काम करते थे। एक अन्य घटना में शिमला के रोहड़ू क्षेत्र के बडियारा गांव में एक बुजुर्ग दंपति और उनके पोते की ढाबा लैला नदी में अचानक आई बाढ़ में बह जाने से मौत की आशंका है। तीनों का पता लगाने के लिए बचाव कार्य जारी है।

राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के अनुसार, 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से सड़क दुर्घटनाओं के अलावा, भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 154 लोगों की मौत हो गई है। 

स्थानीय मौसम कार्यालय ने 23 से 26 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया है। इससे चंबा, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिलों में अचानक बाढ़ का ख़तरा भी जताया गया है।

उत्तराखंड में राज्य के सभी 13 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी के अलग-अलग इलाक़ों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है और चमोली में बद्रीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। मार्ग पर यातायात बहाल करने के प्रयास जारी हैं। आपदा के कारण यमुनोत्री यात्रा स्थगित कर दी गई है।

गुजरात के दक्षिण और सौराष्ट्र क्षेत्रों के कई जिलों में शनिवार को भारी से बहुत भारी बारिश हुई। इससे शहरी क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और बांधों और नदियों में जल स्तर ख़तरे के स्तर तक बढ़ने से कई गांवों अलग-थलग पड़ गए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जूनागढ़ शहर में शनिवार रात 8 बजे तक केवल 12 घंटों में 241 मिमी बारिश होने के बाद दर्जनों खड़ी कारें और मवेशी तेज पानी में बह गए। भारी बारिश के कारण अधिकारियों ने जूनागढ़ जिले में धारा 144 लगा दी है।

दादर और नगर हवेली ज़िले के सिलवासा शहर के पास एक कार बह जाने से पिता-पुत्र की डूबने से मौत हो गई। शुक्रवार की रात जब वे एक निचले पुल को पार करने की कोशिश कर रहे थे तो दोनों तेज रफ्तार पानी की चपेट में आ गए। नवसारी शहर में एक व्यक्ति और उसका बेटा उफनते नाले में बह गये। व्यक्ति को बचा लिया गया, जबकि बेटे का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में प्रशासन ने शनिवार को इरशालवाड़ी में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी, जहां भूस्खलन में 27 लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि रायगढ़ के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या शनिवार को खोज और बचाव अभियान के तीसरे दिन बढ़कर 27 हो गई, जबकि 81 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

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