महंगे हो जाएंगे चावल, दही, लस्सी जैसे कई जरूरी उत्पाद
दही, पनीर, लस्सी, चावल जैसे कई उत्पाद अब महंगे हो जाएंगे। इन उत्पादों पर 5 फीसद जीएसटी लगेगा। इस वजह से दही की कीमत तीन से चार रुपए प्रति किलो बढ़ जाएगी। कीमतें बढ़ने का सीधा असर रसोई के बजट पर पड़ेगा। जीएसटी परिषद की 47 वीं बैठक में सर्वसम्मति से कई दैनिक जरूरत की वस्तुओं की दरों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया था।
- चेक जारी करने के लिए बैंकों द्वारा लिए गए शुल्क पर 18% जीएसटी लगेगा।
- एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है क्योंकि जीएसटी परिषद ने इन पर 12 फीसद से बढ़ाकर 18 फीसद जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी।
- अस्पतालों में रोज 5000 रुपये से अधिक के किराए वाले कमरों के लिए(आईसीयू को छोड़कर) मरीजों को पांच फीसद जीएसटी देना होगा।
- 1000 रुपये से कम वाले होटल के कमरों पर 12 फीसद जीएसटी लगेगा।
- मछली, शहद, सूखी फलीदार सब्जियां, सूखे मखाने, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं या मेसलिन का आटा, गुड़ पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा।
- सभी प्रकार के आम सहित आम के गूदे (कटे, सूखे आमों को छोड़कर) पर अब 12% जीएसटी लगेगा। कच्चे या ताजे आमों पर छूट जारी रहेगी।
- एटलस सहित मानचित्र और चार्ट पर 12 प्रतिशत का शुल्क लगेगा।
- ई-कचरे पर जीएसटी पहले के 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।
- स्याही, चाकू, ब्लेड, बिजली से चलने वाले पंप और डेयरी मशीनरी पर जीएसटी 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया है।
- सोलर वॉटर हीटर, तैयार चमड़े पर जीएसटी को बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है।
- पेट्रोलियम से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है।
- कटे, पॉलिश किए हीरों पर जीएसटी 0.25 फीसदी से बढ़ाकर 1.5 फीसदी किया गया है।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा है कि जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं।
आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 18, 2022
रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा।
जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं।
निश्चित रूप से लस्सी, दही, पनीर के दामों के बढ़ने का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। किसी एक भी डेयरी कंपनी के द्वारा दामों में इजाफा करने के बाद बाकी डेयरी कंपनियां भी ऐसा ही करेंगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मांग की है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए। निश्चित रूप से इसका राजनीतिक दलों के साथ ही आम लोगों की ओर से विरोध होगा।
आढ़तियों ने किया विरोध
खाद्य पदार्थों पर 5% जीएसटी लगाए जाने का आढ़तियों की ओर से भी विरोध शुरू हो गया है। करनाल के इंद्री में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है। आढ़तियों ने कहा है कि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के कारण छोटे व्यापारियों और किसानों को काफी नुकसान होगा। आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी लगने से किसान की फसल को व्यापारी कम कीमत पर खरीदेगा और पूरे बाजार पर इसका असर पड़ेगा।केंद्र को पत्र लिखेंगे: केरल
केरल की सरकार ने आटा, पनीर, दही जैसे जरूरी उत्पादों पर जीएसटी लगाए जाने का जोरदार विरोध किया है। राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्य सरकार ने कहा था कि आम आदमी की जरूरत की चीजों पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र को पत्र लिखेगी।क्या हुआ सस्ता?
- ओस्टोमी उपकरणों पर और रोपवे द्वारा माल और यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी 12 फीसद से घटकर 5 फीसद हुआ।
- ट्रक से माल ढुलाई का किराया (जिसमें ईंधन की लागत भी शामिल है) पर अब 18 फीसदी की तुलना में 12 फीसद जीएसटी लगेगा।
- इलेक्ट्रिक वाहनों में जीएसटी दर में पांच फीसद की छूट मिलेगी।