दिल्ली पुलिस ने कहा- एफ़आईआर में ग्रेटा थनबर्ग का नाम नहीं
गुरूवार को यह बात सामने आने के बाद कि दिल्ली पुलिस ने पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है, सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ वेबसाइट्स पर शोर मच गया। लेकिन दिल्ली पुलिस तुरंत सामने आई और उसने कहा कि एफ़आईआर ज़रूर दर्ज की गई है लेकिन इसमें किसी का नाम नहीं है।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने स्थिति को साफ करते हुए कहा कि एफ़आईआर उस टूलकिट को लिखने वाले या बनाने वाले के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है, जिसे ग्रेटा तनबर्ग ने ट्विटर पर शेयर किया है। पुलिस ने कहा कि इसे लेकर जांच की जा रही है।
ग्रेटा ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि वह भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन करती हैं।
ग्रेटा ने सीएनएन के आर्टिकल को ट्विटर पर शेयर किया था। इस आर्टिकल में इंटरनेट बंद किए जाने का जिक्र किया गया था। ग्रेटा के अलावा पॉप गायिका रियाना (रिहाना) ने भी किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था और इसे लेकर सोशल मीडिया पर माहौल काफी गर्म है। रियाना ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर इंटरनेट को बंद किए जाने को लेकर कहा था कि हम लोग इस पर बात क्यों नहीं कर रहे हैं।
इस बीच ग्रेटा तनबर्ग ने गुरूवार को किसानों के समर्थन में एक और ट्वीट किया। इसमें ग्रेटा ने कहा कि वह अभी भी किसानों के समर्थन में खड़ी हैं और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करती हैं।
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest
पूरी सरकार मुक़ाबले में उतरी
ग्रेटा तनबर्ग और रियाना के ट्वीट के बाद पूरी केंद्र सरकार इनके ख़िलाफ़ मुक़ाबले में उतर गई और #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda हैशटैग के तहत ट्वीट्स की बौछार कर दी।
गृह से लेकर विदेश और वित्त मंत्रालय तक ने ट्वीट कर रियाना और ग्रेटा को जवाब देकर यह बताने की कोशिश की कि यह भारत के ख़िलाफ़ कोई साज़िश है। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार रात को ट्वीट कर कहा कि कोई भी प्रोपेगेंडा भारत की एकता को नहीं तोड़ सकता और भारत को नई ऊंचाईयों तक पहुंचने से नहीं रोक सकता।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘हम यह अपील करते हैं कि ऐसे मामलों में कोई टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की पड़ताल कर ली जाए और मुद्दे की पूरी समझ होनी चाहिए।’ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘हम साथ हैं, हमें प्रोपेगेंडा और फर्जी नैरेटिव के जरिये भारत की छवि को बदनाम करने की कोशिशों के ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए।’
विदेश मंत्रालय ने जताया था एतराज
रियाना के ट्वीट को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने सख़्त एतराज जताया था। रियाना के ट्वीट और उस पर हो रही ज़ोरदार प्रतिक्रिया पर भारत सरकार ने बग़ैर किसी का नाम लिए औपचारिक रूप से प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि इस आंदोलन को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और भारत सरकार व किसान संगठनों की ओर से समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिशों के परिप्रेक्ष्य में ही देखा जाना चाहिए।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों वीके सिंह, स्मृति ईरानी, किरण रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी सहित कई और मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda हैशटैग के तहत ट्वीट किया।
तेंदुलकर, कोहली ने भी किया ट्वीट
ग्रेटा तनबर्ग और रियाना के ट्वीट्स को लेकर क्रिकेट की दुनिया से भी प्रतिक्रिया आई। स्टार बल्लेबाज रहे सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारत के बारे में कोई फ़ैसला भारतीयों को ही करना चाहिए और भारत की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारत के क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने कहा, ‘असहमति के इस वक़्त में हम सभी को एकजुट रहने की ज़रूरत है। किसान हमारे देश का अभिन्न हिस्सा हैं। मुझे उम्मीद है कि इस मसले का हल निकलेगा और हम फिर आगे बढ़ेंगे।’
कौन हैं ग्रेटा तनबर्ग?
17 साल की ग्रेटा तनबर्ग साल 2019 के सितंबर महीने में उस वक़्त चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट एक्शन समिट में पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर अपनी बातों को दुनिया के सामने रखा था। ग्रेटा ने बेख़ौफ़, निडर होकर कहा था कि पृथ्वी तबाही की ओर बढ़ रही है और दुनिया भर के नेता अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं।
ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन पर ठोस क़दम उठाने में विफल रहे विश्व के नेताओं के ख़िलाफ़ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि जिन पीढ़ियों ने सबसे ज़्यादा प्रदूषण फैलाया है उन्होंने उन पर और आने वाली पीढ़ियों पर जलवायु परिवर्तन के घातक असर के बोझ को लाद दिया है।
किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो-
अपडेटेड टूलकिट को शेयर किया
बुधवार को किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के बाद ग्रेटा ने टूलकिट नाम से एक डॉक्यूमेंट शेयर किया लेकिन कुछ घंटों बाद उसे डिलीट कर दिया। इसके बाद उन्होंने एक अपडेटेड टूलकिट या डॉक्यूमेंट शेयर किया और कहा कि इसे उन्हें भारत के कुछ लोगों ने दिया है और पिछले डॉक्यूमेंट को उन लोगों ने इसलिए हटवाया क्योंकि वह पुराना हो चुका था।
टूलकिट में कहा गया है कि इसे इसलिए बनाया गया है कि जिन लोगों को भारत के किसान आंदोलन के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें पता चल सके और वे इस बारे में फ़ैसला ले सकें कि उन्हें किसानों का किस तरह समर्थन करना है।
टूलकिट में आगे कहा गया है कि ये हाशिए पर रहे किसान हैं जिनका भारत की आज़ादी से पहले सामंती जमींदारों और कोलोनाइजर्स द्वारा शोषण किया गया और 1990 के बाद वैश्वीकरण और उदारीकरण की वजह से शोषण हुआ। इसमें आगे कहा गया है कि ये आज भी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और कर्ज के कारण हज़ारों आत्महत्याओं के बाद अब आए नए कृषि क़ानूनों ने उनकी मुसीबतों को और बढ़ा दिया है। ये भी कहा गया है कि कृषि क़ानूनों को बिना सोच-विचार किए ही पास कर दिया गया।
टूलकिट में आगे कहा गया है कि किसानों के समर्थन में हैशटैग #FarmersProtest और #StandWithFarmers लगाकर ट्वीट करें। इसके अलावा सरकार के किसी प्रतिनिधि को कॉल करें या ई-मेल करें और उनसे इसे लेकर क़दम उठाने को कहें। इसके अलावा नजदीकी भारतीय दूतावास, मीडिया हाउस या किसी स्थानीय सरकारी कार्यालय के बाहर 13 व 14 फ़रवरी, 2021 को प्रदर्शन करें और उसकी फ़ोटो को सोशल मीडिया पर हैशटैग #FarmersProtest #StandWithFarmers के साथ पोस्ट करें।
ग्रेटा को बताया बच्ची
रियाना और ग्रेटा के ट्वीट पर नई दिल्ली सीट से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने गुरूवार को प्रतिक्रिया दी। लेखी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तियों के ट्वीट आना देश के ख़िलाफ़ चल रही साज़िश का समर्थन करने जैसा है। लेखी ने ग्रेटा को बच्ची बताया और कहा कि अगर उनके हाथ में होता तो वह उन्हें बाल पुरस्कार देतीं और नोबेल पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट से उनका नाम हटा देती।
लेखी ने सवाल पूछा कि किसी पर्यावरणविद को आखिर क्यों ऐसे किसानों का समर्थन करना चाहिए जो पराली जलाए जाने के लिए जिम्मेदार हैं और इसकी वजह से दिल्ली और इसके आसपास के लोगों की सेहत पर असर पड़ता है।
कंगना का एक और ट्वीट
अपने बयानों और ट्वीट को लेकर विवादों में रहने वालीं अभिनेत्री कंगना रनौत भी रियाना के ट्वीट पर बीच में कूद गई थीं। कंगना ने कहा था, ‘इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है क्योंकि वे किसान नहीं हैं, आतंकवादी हैं जो देश को टुकड़े-टुकड़े करने पर आमादा हैं। वे अमेरिका की तरह भारत को भी चीन का उपनिवेश बनाना चाहते हैं। मूर्ख, बैठ जाओ। हम तुम्हारी तरह देश नहीं बेच रहे हैं।’
कमला हैरिस की भांजी का ट्वीट
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने पिछले महीने अमेरिकी संसद में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के समर्थकों के जबरन घुस जाने और तोड़फोड़ करने की वारदात को भारत में किसान आंदोलन से जोड़कर ट्वीट किया था।
उन्होंने कहा, "यह महज संयोग नहीं है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में एक महीने पहले हमला हुआ था और हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में लोकंतत्र पर हमला होता देख रहे हैं। हमें किसान आंदोलन पर हो रही अर्द्धसैनिक हिंसा और इंटरनेट बंद किए जाने पर गुस्सा होना चाहिए।"