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श्रीनगर के रविवार बाजार के पास ग्रेनेड हमले में 10 लोग घायल

श्रीनगर के रविवार बाजार के पास ग्रेनेड हमले में 10 लोग घायल

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। जानिए, हमले में किसे निशाना बनाया गया।

श्रीनगर के भीड़ भरे 'रविवार बाज़ार' में अज्ञात आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड फेंके जाने से कम से कम 10 लोग घायल हो गए। यह हमला भारी सुरक्षा वाले पर्यटक स्वागत केंद्र यानी टीआरसी के पास हुआ। यह हमला शहर में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर को मारे जाने के एक दिन बाद हुआ है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रेजीडेंसी रोड पर टीआरसी के पास केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के जवानों की ओर ग्रेनेड फेंका गया। ग्रेनेड निशाना चूक गया और एक रेहड़ी वाले के ठेले पर जा गिरा, जिससे छह लोग घायल हो गए।

घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया और जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने हमले के पीछे के लोगों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी। टीआरसी से लाल चौक के बीच रेजीडेंसी रोड पर श्रीनगर का रविवार बाजार लगता है। 

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता।

उन्होंने एक पोस्ट में कहा, "पिछले कुछ दिनों से घाटी के कुछ हिस्सों में हमलों और मुठभेड़ों की सुर्खियाँ छाई हुई हैं। श्रीनगर के 'रविवार बाज़ार' में निर्दोष दुकानदारों पर ग्रेनेड हमले की आज की खबर बेहद परेशान करने वाली है। निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द हमलों की इस लहर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि लोग बिना किसी डर के अपना जीवन जी सकें।"

श्रीनगर में एक साल से ज़्यादा समय में यह पहला ग्रेनेड धमाका है। यह घटना श्रीनगर के खानयार इलाके में एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उस्मान लश्करी के मारे जाने के एक दिन बाद हुई है। पुलिस ने बताया कि दिन भर चली मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं - जिनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के दो-दो जवान शामिल हैं।

बता दें कि दो दिन पहले ही बडगाम जिले में दो आम लोगों को निशाना बनाकर हमला किया गया था। दोनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। उन्हें श्रीनगर के जेवीसी अस्पताल बेमिना में भर्ती कराया गया है। दोनों मजदूर जल शक्ति विभाग में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे। गोली लगने से वे घायल हो गए, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। टारगेट किलिंग के मक़सद से ऐसा हमला लगातार किया जाता रहा है जिसमें आतंकवादी निश्चित करते हैं कि किसकी हत्या करनी है। राज्य में हाल के दिनों में इस तरह के हमले बढ़े हैं और आम लोगों को निशाना बनाया गया है।

आतंकवादियों ने 24 अक्टूबर को गैर कश्मीर को निशाना बनाया था। तब उन्होंने एक मज़दूर को गोली मार दी थी। वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इससे पहले गंदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके में एक निर्माण स्थल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी कर एक डॉक्टर और छह प्रवासी श्रमिकों की हत्या कर दी थी।

18 अक्टूबर को आतंकवादियों ने शोपियां जिले में बिहार के एक प्रवासी श्रमिक की हत्या कर दी थी। स्थानीय लोगों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के जैनापोरा के वडुना इलाके में श्रमिक का गोलियों से छलनी शव पाया था।

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