सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर FIR कराने में मदद करेगी सरकार: केंद्रीय मंत्री
यदि आप सोशल मीडिया पर डीपफेक जैसी आपत्तिजनक और भ्रामक सामग्री से परेशान हैं और किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं तो सरकार इसमें आपकी मदद करेगी! दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा है कि केंद्र सरकार नागरिकों को आईटी नियमों के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सक्षम बनाएगी।
इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यानी एमईआईटीवाई द्वारा विशेष वेबसाइट बनाई जाएगी। इसके माध्यम से लोग अधिकारियों को इसके बारे में बता सकेंगे। चंद्रशेखर ने कहा, 'एमईआईटीवाई उपयोगकर्ताओं को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बहुत आसानी से सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा।'
At the #DigitalIndiaDialogues with industry stakeholders today, I reinforced that Indian #DigitalNagriks have the right to a safe and trusted internet, and intermediaries are accountable to users for providing the same.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) November 24, 2023
Discussions resulted in decisive steps:
✅ All platforms… pic.twitter.com/J7kMXzqmXd
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट का अधिकार है, और इंटरमीडियरी और प्लेटफार्म इसे देने के लिए यूज़रों के प्रति जवाबदेह हैं।
उन्होंने कहा कि चर्चाओं के परिणामस्वरूप निर्णायक कदम उठाए गए हैं। इसमें से एक तो यह है कि 'सभी प्लेटफ़ॉर्म और इंटरमीडियरी इस बात पर सहमत हुए हैं कि भले ही हम नए कानूनों और नियमों पर चर्चा करें, मौजूदा कानून उन्हें डीपफेक से निर्णायक रूप से निपटने में सक्षम हैं।' उन्होंने कहा है कि प्लेटफ़ॉर्म इस बात पर सहमत हुए हैं कि अगले 7 दिनों के भीतर वे यह सुनिश्चित करेंगे कि यूज़रों के साथ सभी नियम और शर्तें लागू हों।
मंत्री के अनुसार, इंटरमीडियरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और यदि वे जानकारी का खुलासा करते हैं कि सामग्री कहां से आई है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी जिसने सामग्री पोस्ट की थी।
चन्द्रशेखर ने कहा कि मौजूदा कानूनों और नियमों में डीपफेक से निपटने के लिए साफ़ प्रावधान हैं।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक वीडियो बनाने के लिए एआई या कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग को लेकर आगाह किया था और इस पर चिंता जताई थी। उन्होंने आगाह किया था, 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय में यह महत्वपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए।'
केंद्र ने कहा है कि डीपफेक बनाने और प्रसार करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है। बता दें कि हाल में कई बड़ी हस्तियों के डीपफेक वीडियो आए हैं। इनमें रश्मिका मंदाना से लेकर कैटरीना कैफ और काजोल तक डीपफेक के शिकार हुए हैं। हाल ही में पीएम मोदी के डीपफेक वीडियो की भी ख़बर आई थी।