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सरकार का दावा- इस साल के आख़िर तक 216 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध होगी

सरकार का दावा- इस साल के आख़िर तक 216 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध होगी

देश में कोरोना वैक्सीन की भारी कमी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस साल के आख़िर तक यानी दिसंबर महीने तक भारत में 200 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी। 

देश में कोरोना वैक्सीन की भारी कमी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस साल के आख़िर तक यानी दिसंबर महीने तक भारत में 200 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस घोषणा से देश के लिए एक बड़ी उम्मीद जागी है। यह घोषणा सरकार के एक बड़े सलाहकार ने की है। 

नीति आयोग के सदस्य और सरकार के सलाहकार वी के पॉल ने पत्रकारों से कहा, 'भारत के लिए और भारत के लोगों के लिए पाँच महीनों में दो बिलियन खुराक (216 करोड़) देश में बनाई जाएगी। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध होगी।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल की पहली तिमाही तक कोरोना टीके की यह संख्या 300 करोड़ होने की उम्मीद है।

अभी इस साल के आख़िर तक जो क़रीब दो सौ करोड़ टीके तैयार होने की उम्मीद जताई गई है उसमें कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक और कोवैक्सीन की क़रीब 55 करोड़ खुराक शामिल है। 

इसके अलावा इसमें भारत के बायोलॉजिकल ई द्वारा विकसित वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक, सीरम इंस्टीट्यूट से नोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक, स्पुतनिक वी की 15.6 करोड़ खुराक, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक, ज़ायडस कैडिला से 5 करोड़ टीके और गेनोवा की 6 करोड़ खुराक शामिल हैं। 

स्पुतनिक वी वैक्सीन के बारे में डॉ. वी के पॉल ने पत्रकारों को कहा है कि रूस की इस वैक्सीन की पहली खेप भारत में आ चुकी है और उम्मीद है कि अगले हफ़्ते से बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगी। 

भारत वैक्सीन निर्माण का वैश्विक केंद्र होने के बावजूद यहाँ अब तक पूरी जनसंख्या का 3 प्रतिशत से भी कम पूरी तरह से टीकाकरण हो पाई है। ऐसा इसलिए है कि टीके की कमी के कारण देश में टीकाकरण अभियान धीमा पड़ गया है।

वैक्सीन की कमी के कारण कई राज्यों में टीकाकरण केंद्र बंद किए जाने की शिकायतें आ रही हैं। लोग टीका लेने के लिए उत्सुक हैं लेकिन उन्हें टीके नहीं मिल पा रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

इसी बीच सरकार के सलाहकार ने एक सफ़ाई जारी की है। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा, 'टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने इस पर चर्चा की और वैज्ञानिकों ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है तो वह एंटीबॉडी विकसित करता है और इससे उसकी सुरक्षा होती है। इसके लिए आँकड़ा है, वैज्ञानिकों का कहना है कि एक व्यक्ति को ठीक होने के 6 महीने बाद टीका लगवाना चाहिए।'

 - Satya Hindi

दूसरी कंपनियाँ भी बनाएँगी कोवैक्सीन?

अब इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर और भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन के फ़ॉर्मूले को दूसरी सक्षम कंपनियों के साथ शेयर करने की बात कही गई है। वीके पॉल ने कहा, 'लोगों का कहना है कि कोवैक्सीन को अन्य कंपनियों को निर्माण के लिए दिया जाए। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि कोवैक्सीन को निर्माण करने वाली कंपनी (भारत बायोटेक) ने इसका स्वागत किया है जब हमने उनके साथ इस पर चर्चा की थी। इस टीके के तहत जीवित वायरस निष्क्रिय हो जाता है और यह केवल बीएसएल 3 प्रयोगशालाओं में किया गया है।'

उन्होंने आगे कहा कि यह हर कंपनी के पास सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा, 'हम उन कंपनियों को खुला निमंत्रण देते हैं जो ऐसा करना चाहती हैं। जो कंपनियाँ कोवैक्सीन का निर्माण करना चाहती हैं, उन्हें मिलकर करना चाहिए। सरकार सहायता करेगी ताकि क्षमता बढ़े।' 

बता दें कि ऐसे फ़ैसले तब लिए जा रहे हैं जब कोरोना संक्रमण के आंकड़े एक बार फिर बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटों में संक्रमण के 3,62,727 मामले सामने आए हैं। जबकि बीते दिन यह आंकड़ा 3,48,421 था। बीते 24 घंटों में 4,120 लोगों की मौत हुई है और एक बार फिर मौतों का आंकड़ा 4 हज़ार से ज़्यादा होने का मतलब है कि इस महामारी का कहर बहुत ज़्यादा है। बीते 24 घंटों में 3,62,727 लोगों ने इस बीमारी को मात दी है। 

कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में देश के कुल एक्टिव मामलों के 82.51 फ़ीसदी मामले हैं। इन चारों राज्यों में संक्रमण के साथ ही मौतों के मामले भी ज़्यादा हैं। भारत में कुल एक्टिव मामले 37.10 लाख से ज़्यादा हो गए हैं। 

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