बाबरी ध्वंस के फ़ैसले पर आडवाणी ने कहा, 'जय श्री राम!'
पूर्व उप प्रधानमंत्री और रथ यात्रा कर पूरे देश में राम मंदिर आन्दोलन को फैलाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ने बाबरी मसजिद ध्वंस के फ़ैसले पर बहुत ही संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं इस फ़ैसले का स्वागत करता हूँ, जय श्री राम'
आडवाणी ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि 'इस फ़ैसले से राम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रति बीजेपी और उनकी निजी प्रतिबद्धता को बल मिला है।'
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और दूसरे तमाम लोगों के प्रति आभार जताया, 'जिन्होंने निस्वार्थ भाव से अयोध्या आन्दोलन के मजबूती प्रदान की और अपना बलिदान दिया।'
बाबरी मसजिद ध्वंस के बाद एनडीटीवी से बात करते हुए आडवाणी ने कहा था, 'मुझे नहीं पता कि यह भीड़ का उन्माद था या कुछ लोगों के समूह का फ़ैसला जो इस आन्दोलन के नेतृत्व के काम से सहमत नहीं थे।'
उन्होंने इसके आगे कहा था, 'अयोध्या में जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा नहीं होना चाहिए था, हमने इसे रोकने की कोशिश की, पर कामयाब नहीं हुए।'
फ़ैसला आने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आडवाणी के घर जाकर उनसे मुलाक़ात की।
'ऐतिहासिक पल!'
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नेता मुरली मनोहर जोशी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए इसे 'ऐतिहासिक पल' क़रार दिया। उन्होंने कहा, 'अदालत ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, मैं तमाम अधिवक्ताओं को जिन्होंने शुरुआत के दिन से ही हर स्तर पर इस मामले में सही तथ्यों को न्यायलय के सामने रखा, उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उनके परिश्रम और लोगों की गवाही से यह फ़ैसला आया है।' उन्होंने कहा,
“
'राम मंदिर आंदोलन एक काफी अहम वक्त था, इसका उद्देश्य देश की मर्यादाओं को सामने रखना था। अब राम मंदिर का निर्माण भी होने जा रहा है, जय जय सिया राम, सबको सन्मति दे भगवान।'
मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री
'अल्पसंख्यकवाद का अंत'
स्वदेशी जागरण मंच से लंबे समय से जुड़े और भारतीय जनता पार्टी में रह चुके के. गोविंदाचार्य ने कहा कि बाबरी मसजिद को ढहाए जाने की घटना यकायक हो गई, इसके पीछे कोई साजिश नहीं थी, कोई योजना नहीं थी।उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि बीजेपी के लोगों ने कारसेवा के लिए खुले आम अपील की थी, जिसमें लोग भाग लेने आए। यह पूर्व नियोजित साजिश नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस घटना की न तो तारीफ की जानी चाहिए न ही इसकी निंदा।
गोविंदाचार्य ने कहा कि बाबरी मसजिद के ध्वंस से देश में अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति पर विराम लग गया।
बिहार के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील मोदी ने प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, 'जय श्री राम!'
उन्होंने इसके आगे कहा, 'आडवाणी जी समेत सभी अभियुक्त मुक्त! बाबरी ढाँचा गिराने में कोई पूर्व नियोजित षडयंत्र नहीं था।'
मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं 6 दिसंबर के पूर मामले का गवाह हूं। जो कुछ हुआ, वह स्वत: स्फूर्त था, इसके पीछे कोई साजिश नहीं थी। मुझे आश्चर्य हुआ जब कुछ कारसेवक ऊपर चढ़ गए। आडवाणी जी दुखी थे।'
I was witness to the entire incident of 6th Dec. It was all spontaneous no conspiracy.I was conducting the meeting from dais I was surprised when some Kar Sewaks climbed Babri str.Advaniji was unhappy.सत्यमेव जयते ।#BabriDemolitionCase
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 30, 2020
ऐतिहासिक दिन!
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने 'जय श्री राम' के नारों के बीच कहा कि 'यह ऐतिहासिक दिन है, बहुत ही खुशी का दिन है।'फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील
ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफ़रयाब जिलानी ने न्यायालय के फ़ैसले की आलोचना करते हुए इसे 'ग़लत' बताया। उन्होने कहा, 'हम इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।'
कांग्रेस : संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़
बाबरी मसजिद ध्वंस से जुड़े फ़ैसले पर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है।कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'बाबरी मसजिद ढहाने के मामले में सभी अभियुक्तों को बरी किया जाना सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के उलट और संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 के फ़ैसले में कहा था कि बाबरी मसजिद को ढहाया जाना ग़ैरक़ानूनी काम और हर तरह के नियम का उल्लंघन है।'
इक़बाल अंसारी : फ़ैसला स्वीकार
मंदिर-मसजिद मामले में मुद्दई रह चुके इक़बाल अंसारी ने बाबरी ध्वंस मामले पर आए फ़ैसले का स्वागत किया है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, '9 नम्बर के फ़ैसले को भी हमने माना, आज के भी फ़ैसले का स्वागत करते है। हिन्दू मुसलमानों का एक और विवाद ख़त्म। पहले भी हम कोर्ट का सम्मान करते थे, आज भी कर रहे हैं। हम हिंदू-मुसलमान विवाद नहीं चाहते, मंदिर के पक्ष में फ़ैसला आने के बाद ही विवाद समाप्त हो चुका था, एक साल लगा। जो लोग जिंदा हैं वे बुजुर्ग है, बहुत से लोग नहीं है, कम से कम लोगों को राहत तो मिली।'