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DeepFake पर नियम-कानून बहुत जल्द ला रही है सरकारः केंद्रीय मंत्री

DeepFake पर नियम-कानून बहुत जल्द ला रही है सरकारः केंद्रीय मंत्री

बॉलीवुड के कलाकारों को निशाना बनाते हुए कई 'डीपफेक' वीडियो और फोटो वायरल हुए तो सार्वजनिक आक्रोश फैल गया। लेकिन सरकार तभी जागी जब प्रधानमंत्री मोदी का भी डीफफेक वायरल हुआ और पीएम ने सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी कर दी। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार 23 नवंबर को बैठक बुलाई।

डीपफेक (deepfake) मुद्दे पर देश में गंभीर चिंताओं के बीच, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को डीपफेक सामग्री से उत्पन्न चुनौतियों पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि सरकार डीपफेक से निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी।

मंत्री ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों, एआई टूल्स और नैसकॉम में अग्रणी कंपनियों और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के क्षेत्र के प्रोफेसरों से मुलाकात की। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि डीपफेक से निपटने के लिए सरकार जल्द ही नए नियम लाएगी, उन्होंने डीपफेक को लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बताया।

मंत्री वैष्णव ने कहा, "हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी... जो आज के फैसलों पर समीक्षा करेगी और नियमों के ड्राफ्ट में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा होगी।"

उन्होंने कहा, "कंपनियां पहचान, रोकथाम, रिपोर्टिंग तंत्र को मजबूत करने और यूजर्स की जागरूकता बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट कार्रवाई की आवश्यकता पर सहमत हुई हैं।"

मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हम आज से ही नियमों का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे, और थोड़े समय के भीतर हमारे पास डीपफेक के लिए नियमों का एक नया सेट होगा… यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम लाने या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है।”

अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से डीपफेक सामग्री का मुकाबला करने के लिए अधिक आक्रामक नजरिया अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'सेफ हार्बर' क्लॉज, जो पारंपरिक रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को सुरक्षित रखता है, अगर वे अपने प्लेटफॉर्म पर डीपफेक के खिलाफ पर्याप्त उपाय करने में विफल रहते हैं, तो यह लागू नहीं हो सकता है।

भारत के कुछ प्रमुख अभिनेताओं और पीएम मोदी को निशाना बनाने वाले कई 'डीपफेक' वीडियो वायरल होने के बाद सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया। आर्टिफिशल इंटेलीजेंस पर आधारित डीफफेक के दुरुपयोग को लेकर विश्वव्यापी चिंता जताई जा रही है।

भारत में यह मामला एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना के एक वीडियो से चर्चा में आया। रश्मिका का वो वीडियो डीपफेक था। इस वीडियो से एक्ट्रेस को काफी अपमानित होना पड़ा और बाद में उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी नाराजगी भी जताई। मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त किए। करीना कपूर का डीपफेक वीडियो भी आया। हाल ही में पीएम मोदी का गरबा का वीडियो सामने आया। जिस पर वो सार्वजनिक रूप से बोले और समाज के लिए गलत बताया। 

क्या है डीपफेक   

यह एक सिंथेटिक या डॉक्टर्ड मीडिया है जिसे आर्टिफिशल इंटेलीजेंस  (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का उपयोग करके किसी को गलत तरीके से पेश करने या उसका प्रतिरूप बनाने के लिए डिजिटल रूप से हेरफेर किया जाता है और बदल दिया जाता है। मसलना आप को किसी महिला के साथ गलत अवस्था में दिखाया जा सकता है। यह काम पहले भी होता था लेकिन उसका पता चल जाता था लेकिन डीपफेक से उसका पता नहीं चल पाता।

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