बिना ड्राइवर दौड़ पड़ी मालगाड़ी, जांच का आदेश
बिना ड्राइवर के यह मालगाड़ी जम्मू से पंजाब की तरफ 100 km प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ती रही। ट्रेन को रोकने के लिए रेलवे वाले तरकीब लगाते रहे और हर आने वाले स्टेशन पर अनाउंसमेंट कर ट्रैक को खाली कराया गया। बड़ा हादसा होते होते बचा।रेलवे ने जांच के आदेश दिए pic.twitter.com/EjOiVUBIyr
— Bramh Prakash Dubey (@bramhprakash7) February 25, 2024
एक मालगाड़ी बिना ड्राइवर के जम्मू-कश्मीर के कठुआ स्टेशन से रवाना हुई और अनियंत्रित यात्रा पर निकल पड़ी। रोके जाने से पहले पंजाब में पठानकोट रेलवे स्टेशन के ऊंची इलाके तक कई किलोमीटर चल चुकी थी। यह घटना, जिसके खतरनाक नतीजे निकलने की आशंका थी, रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों ने तेजी से कार्रवाई करके इस मालगाड़ी पर काबू पाया।
A Freight Train which was at a halt at Kathua Station suddenly started running due to a slope towards Pathankot, without the driver. The train was stopped near Ucchi Bassi in Mukerian Punjab. An inquiry into the matter has been started: Divisional Traffic Manager, Jammu.… pic.twitter.com/ERv122pi4P
— ANI (@ANI) February 25, 2024
इस मालगाड़ी के अवैध संचालन की जैसे ही सूचना मिली, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी फौरन कठुआ रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने पंजाब की ओर ट्रेन के मार्ग के स्टेशनों को हाई अलर्ट जारी किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई पैसेंजर ट्रेन इस मालगाड़ी के ट्रैक पर न आए, अन्यथा दोनों तरफ से आमने-सामने की टक्कर का खतरा था।
पूरे 53 वैगनों वाली मालगाड़ी बिना ड्राइवर के चलती रही और रेलवे कर्मियों के बीच खतरे की घंटी बज गई। रेलवे अधिकारियों की टीमें इस आवारा ट्रेन को रोकने और नियंत्रण के कोशिश में जुटे रहे। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। खैर दूसरे बंद ट्रैक पर मोड़ कर इस मालगाड़ी को किसी तरह रोका गया।
कठुआ स्टेशन से ट्रेन के अवैध प्रस्थान की परिस्थितियों की जांच के लिए अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। यह जांच प्रोटोकॉल या निरीक्षण में किसी भी चूक की पहचान करने में सहायक होगी। इस अनुभव से सीखकर, रेलवे अधिकारी सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय लागू कर सकते हैं।
रविवार की घटना रेलवे प्रणाली के भीतर कड़े सुरक्षा उपायों और निरंतर सतर्कता की याद दिलाती है। हालांकि इस बार बड़ा हादसा नहीं हुआ लेकिन रेलवे में निरंतर सुधार और सतर्कता की जरूरत अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस घटना से पता चलता है कि रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी हर क्षण सतर्कता नहीं बरतते।