गोवा में कांग्रेस के आठ विधायक बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इन सभी विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष रमेश तवाडकर और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात की। बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो, दलीला लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, एलेक्सो सिकेरा और रुडोल्फ फर्नांडीस शामिल हैं।
गोवा में कांग्रेस के पास 11 विधायक थे और क्योंकि 8 विधायक बीजेपी के साथ चले गए हैं और इनकी संख्या दो तिहाई से ज्यादा है इसलिए इन पर दलबदल वाला कानून लागू नहीं होता है।
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि भाजपा ने फिर साबित कर दिया कि वह सिर्फ़ तोड़ना जानती है। हमारी भारत जोड़ो यात्रा से बौखलाई भाजपा ने गोवा में ऑपरेशन कीचड़ को अंजाम दिया है और भारत देख रहा है।
40 सीटों वाले गोवा में इस बार बीजेपी को 20 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को 11 सीटों पर, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी को 2 सीटों पर, आम आदमी पार्टी को 2 सीटों पर, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवॉल्यूशनरी गोवा पार्टी को एक-एक सीट पर और 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी।
2022 में बीजेपी को मिली जीत के बाद प्रमोद सावंत फिर से मुख्यमंत्री बने थे। गोवा में इस साल मार्च में चार अन्य राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब के साथ ही चुनाव हुए थे।
2019 में हुई थी टूट
2019 में भी कांग्रेस में टूट हुई थी और तब 15 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन के लिए ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
दिगंबर कामत
बता दें कि दिगंबर कामत 2007 से 2012 के बीच गोवा के मुख्यमंत्री रहे थे। कामत गोवा में 7 बार के विधायक हैं और 2022 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे। इस बार भी उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी। जबकि माइकल लोबो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।
दिगंबर कामत।
ऑपरेशन लोटस जिम्मेदार?
कर्नाटक से लेकर मध्य प्रदेश और गोवा से लेकर उत्तराखंड तक, ऐसे कई राज्य हैं जहां पर बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस के जरिए दूसरे दलों के विधायकों को तोड़ने और विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने के आरोप लग चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार को गिराने के पीछे भी बीजेपी का ही हाथ होने के आरोप लगे हैं। क्योंकि शिवसेना से बगावत करने वाले विधायक बीजेपी शासित राज्यों में ही कई दिन तक रुके थे और बाद में उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह चुके हैं कि उनकी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों को करोड़ों-अरबों रुपये का ऑफ़र दिया था। गुजरात में कांग्रेस के कई विधायक पाला बदलकर बीजेपी के साथ चले गए।
दिल्ली में ऑपरेशन लोटस
पिछले दिनों दिल्ली में ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया था। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने दिल्ली में उसके विधायकों को 20-20 करोड़ का ऑफर देकर खरीदने की कोशिश की थी।
आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि देश भर में दूसरे दलों के विधायकों को खरीदने के लिए 6300 करोड़ रुपए बीजेपी के पास कहां से आए। पार्टी ने कहा है कि देश भर में बीजेपी 277 विधायक खरीद चुकी है।
जेडीयू को तोड़ा
अपनी पूर्व सहयोगी जेडीयू में भी बीजेपी ने जबरदस्त सेंधमारी की है। जेडीयू की दमन और दीव की पूरी इकाई बीजेपी में शामिल हो गई है। यहां के 17 में से 15 जिला पंचायत सदस्यों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है। कुछ दिन पहले मणिपुर में जेडीयू के 6 में से 5 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। दिसंबर, 2020 में भी अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जेडीयू को तोड़ दिया था। तब जेडीयू के 7 में से 6 विधायक बीजेपी के साथ आ गए थे।