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रूस-यूक्रेन संकट: यूएन महासभा की आपात बैठक आज, वोटिंग से दूर रहा भारत

रूस-यूक्रेन संकट: यूएन महासभा की आपात बैठक आज, वोटिंग से दूर रहा भारत

रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में क्या होगा, इस पर सभी की नजरें लगी हैं। 

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर सोमवार रात को संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक बुलाई गई है। इस बारे में आपात बैठक बुलाने के लिए मतदान कराया गया जिसमें 11 देशों ने बैठक बुलाने के पक्ष में मतदान किया जबकि भारत, चीन और यूएई मतदान से गैरहाजिर रहे और रूस ने इसके विरोध में मतदान किया। 

इससे पहले शुक्रवार को भी रूस के द्वारा यूक्रेन पर किए गए सैन्य हमले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया था और इस पर वोटिंग हुई थी। लेकिन रूस ने इस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था और इस वजह से यह प्रस्ताव गिर गया था। 

भारत, चीन और यूएई तब भी मतदान से गैरहाजिर रहे थे। इस प्रस्ताव में रूस से यूक्रेन पर हमले को तुरंत रोकने और अपने जवानों को वापस बुलाने की मांग की गई थी।

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक बुलाने की मांग रखी थी। महासभा की 1950 के बाद यह 11वीं आपात बैठक है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि यह बेहद अफसोसनाक है कि यूक्रेन में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत के रास्ते पर लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बेलारूस मैं बातचीत की टेबल पर आने के फैसले का भी स्वागत किया।

तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में इन हालातों में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और कहा कि वहां बने हालातों के कारण भारतीयों को निकालने के काम पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सभी बातों पर विचार करने के बाद भारत ने वोटिंग से दूर रहने का फैसला किया।

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