राजस्थान की गहलोत सरकार के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग ने बुधवार को छापेमारी की है। यह छापेमारी राजस्थान मध्याह्न भोजन कथित घोटाला मामले में की जा रही है।
इसके अलावा भी आयकर विभाग की ओर से देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है। राजेंद्र यादव की कोटपुतली में स्थित एक फैक्ट्री के अलावा उत्तराखंड में भी उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई है। यादव कोटपुतली सीट से ही विधायक हैं।
मंगलवार को केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में 35 जगहों पर छापेमारी की थी। आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में अभियुक्त बनाए गए समीर महेंद्रु के दिल्ली स्थित आवास के अलावा गुड़गांव, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु में भी कई जगहों पर ईडी ने छापेमारी की थी।
पिछले महीने बिहार में आरजेडी नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने छापेमारी की थी। आरजेडी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और फैयाज़ अहमद के आवास पर जांच एजेंसी ने छापा मारा था। ये नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं। यह छापेमारी लैंड फॉर जॉब या रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में हुई थी।
झारखंड की राजधानी रांची में भी खनन घोटाले के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने छापेमारी की थी।
सिसोदिया के घर छापेमारी
याद दिलाना होगा कि सीबीआई ने आबकारी नीति को लेकर पिछले महीने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था।
विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला था।
एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल?
ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के किसी विपक्षी नेता को समन करने या घरों, दफ्तरों पर छापेमारी के बाद वही पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या इन एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। पिछले आठ सालों में जांच एजेंसियों की छापेमारी पर ढेरों सवाल उठे हैं कि क्यों ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को धड़ाधड़ समन भेज रही हैं या उनके घरों-दफ़्तरों पर छापेमारी कर रही हैं।विपक्षी नेता निशाने पर!
जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से विपक्षी नेताओं में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, शिवसेना नेता संजय राउत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रूजिरा नरूला बनर्जी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा सहित कई और नेताओं और आम आदमी पार्टी के कई विधायकों को जांच एजेंसियों की ओर से समन भेजा जा चुका है या पूछताछ की जा चुकी है।