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गीता गोपीनाथ बनीं आईएमएफ़ की उप प्रबंध निदेशक

गीता गोपीनाथ बनीं आईएमएफ़ की उप प्रबंध निदेशक

आईएमएफ़ के नंबर दो पोजीशन तक पहुँचने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनीं गीता गोपीनाथ। क्या कहा आईएमएफ़ ने?

पराग अग्रवाल के ट्विटर के सीईओ बनने के तुरन्त बाद ही भारतीय मूल के एक और व्यक्ति ने यह साबित कर दिया कि यहाँ के लोगों में प्रतिभा कूट कूट कर भरी हुई है और मौक़ा मिलने पर वे ऊँचाइयों को छू सकते हैं। 

भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी आईएमएफ़) का प्रथम उप प्रबंध निदेशक चुन लिया गया है। वे जल्द ही जैफ्री ओकामोटो की जगह लेंगी। 

ओकामोटो अगले साल अपने पद से इस्तीफ़ा दे देंगे।

यह आईएमएफ़ में शीर्ष नेतृत्व का पद है। गीता गोपीनाथ संगठन की दूसरे नंबर की प्रमुख अधिकारी होंगी।

क्या कहा आईएमएफ़ ने?

इसके पहले आईएमएफ़ की इस मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा था कि वे तीन साल की सार्वजनिक सेवा के बाद जनवरी 2022 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अपने पद पर लौट जाएंगी।

आईएमएफ़ ने अपने शीर्ष प्रबंधन में फेरबदल का एलान करते हुए गुरुवार को कहा, “आईएमएफ़ की वरिष्ठ प्रबंधन टीम की भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों में कुछ बदलाव किया जा रहा है।"

“फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर निगरानी और संबंधित नीतियों का नेतृत्व करेंगे, अनुसंधान और प्रमुख प्रकाशनों की देखरेख करेंगे और फंड प्रकाशनों के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाले मानकों को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।”

बता दें कि गीता गोपीनाथ साल 2018 में आईएमएफ़ में प्रमुख अर्थशास्त्री के पद पर नियुक्त हुई थीं। 

शिकागो यूनिवर्सिटी

गीता गोपीनाथ वर्ष 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं। उसके बाद उन्‍होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम किया। वे अगले 5 वर्षों में इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं। व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियाँ, क़र्ज़ और उभरते बाज़ारों की समस्याओं पर उन्‍होंने लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं।

गोपीनाथ ने वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट के लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराया था। उन्‍होंने 2016 में सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले को भी आर्थिक विकास के लिहाज से नकारात्‍मक बताया था।

 - Satya Hindi

उन्होंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विकास अनुमान में 80 फ़ीसदी गिरावट के लिए भारत ज़िम्मेदार है। उनके इस बयान के बाद देश में विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। 

गीता गोपीनाथ ने मोदी सरकार के विवादास्पद कृषि कानूनों की तारीफ की थी।

मोदी सरकार ने उन क़ानूनों को वापस ले लिया है। 

क्या कहा था अमिताभ बच्चन ने?

गोपीनाथ एक बार उस समय भी सुर्खियों में आई थीं, जब अमिताभ बच्चन ने 'कौन बनेगा करोड़पति?' के एक शो के दौरान उनसे जुड़ा एक सवाल पूछा था। उन्होंने इस सिलसिले में कह दिया था के इतनी खूबसूरत हैं कि कोई कह नहीं सकता कि वे इतनी बड़ी अर्थशास्त्री भी हैं। 

पुरस्कार

अमेरिका के कार्नेगी कॉरपोरेशन ने इसी साल गीता गोपीनाथ को सम्मानित किया। यह सम्मान अपने योगदान और कार्यों से अमेरिकी समाज और लोकतंत्र को समृद्ध एवं मजबूत करने के लिए दिया जाता है। गोपीनाथ को कार्नेगी कॉरपोरेशन ने '2021 ग्रेट इमिग्रेंट्स’ की सूची में शामिल किया गया था। संस्था ने कहा कि 49 वर्षीय गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय वित्त और मैक्रोइकनॉमिक्स संबंधी अपने शोध के लिए जाना जाता है। 

उनके शोध कई इकनॉमिक्स जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं। 2019 में भारत सरकार ने उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान दिया था जो प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है।

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