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कोई साथ दे या न दे, गज़ा युद्ध जारी रहेगाः इज़राइल

कोई साथ दे या न दे, गज़ा युद्ध जारी रहेगाः इज़राइल

गजा में युद्ध चलते हुए दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं। यूएम में बार-बार प्रस्ताव आ रहा है। ज्यादातर देश युद्ध के विरोध में हैं। दिखावे के लिए ही सही अमेरिका बार-बार इजराइल को चेतावनी दे रहा है। लेकिन इजराइल की जिद जारी है। अब उसने कहा है कि कोई देश साथ दे या न दे, गजा में युद्ध जारी रहेगा।

अमेरिका के बढ़ते दबाव के बाद इजराइल ने बुधवार को गजा युद्ध को "अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के बिना" भी जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प की घोषणा की। इजराइल-हमास युद्ध तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है, जिसमें इजराइल में 1200 लोग मारे गए थे। लेकिन गजा में 18,608 फिलिस्तीनी अब तक मारे जा चुके हैं, जिसमें बच्चों और महिलाओं की तादाद सबसे ज्यादा है। गजा में सभी सड़कें, स्कूल, अस्पताल तबाह हो चुके हैं। मारे गए लोगों के शव जहां-तहां अभी पड़े हुए हैं। 

लोगों के एक समूह ने व्हाइट हाउस के सामने बुधवार को मोमबत्ती की रोशनी में प्रार्थना करने जैसा प्रदर्शन किया। उनके हाथों में एक तख्ती थी, जिस पर लिखा था, "राष्ट्रपति बाइडेन, आपका स्टाफ युद्धविराम की मांग करता है।" ऐसा प्रदर्शन पहली बार हुआ है। जोश पॉल, जिन्होंने अमेरिका की "इजराइल को घातक सहायता" पर अक्टूबर में विदेश विभाग से इस्तीफा दे दिया था, इस कार्यक्रम में मौजूद थे।


ऐसे हालात और अमेरिका की आलोचना के बावजूद, इज़राइल ने हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखने का बयान दिया है। विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा, "इजराइल अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ या उसके बिना हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखेगा।"

इजराइली मंत्री कोहेन ने कहा- "मौजूदा चरण में युद्धविराम आतंकवादी संगठन हमास के लिए एक गिफ्ट होगा, इससे उसे वापस लौटने और इज़राइल के निवासियों को धमकी देने की अनुमति मिल जाएगी।"

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने के लिए गुरुवार को इजराइल पहुंच रहे हैं। युद्ध विराम के बाद गजा पर शासन कैसे किया जाएगा, इस मुद्दे पर बातचीत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार इजराइल जा रहे हैं। अमेरिका ने दो देश व्यवस्था लागू करने की बात बार-बार कही है लेकिन नेतन्याहू इसे मानने को तैयार नहीं हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को युद्धविराम की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसका 193 देशों में से 153 ने समर्थन किया। जिसमें भारत भी शामिल है। गजा में 7 अक्टूबर को जब युद्ध शुरू हुआ था तो बाइडेन ने दावा किया था कि इजराइल को दुनिया के तमाम देशों का समर्थन हासिल है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को कहा था कि दुनिया में लोग इस युद्ध के खिलाफ हो रहे हैं। गजा में अब युद्ध विराम होना चाहिए लेकिन जब यूएन में वोट देने का मौका आया तो वहां यूएस ने इजराइल के पक्ष में मतदान किया।

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि गजा में  करीब 20 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। वहां रोजाना लगभग 100 ट्रक सहायता पहुंच रही है। इसका अस्पताल सिस्टम बर्बाद हो गया है। बच्चों के लिए टीके खत्म हो गए हैं, जिससे "भयानक स्वास्थ्य परिणामों" की चेतावनी दी गई है।

बहरहाल, सर्दियों की बारिश ने और पानी भरने से उत्तरी गाजा में दुख और मौत को और बढ़ा दिया है। इज़राइली हमलों ने पहले ही गजा की सीवेज प्रणाली को नष्ट कर दिया था और अब सड़कों पर पानी ही पानी है। भोजन और पीने के पानी की कमी के साथ-साथ बीमारी और भुखमरी के बढ़ते खतरे के बीच हजारों विस्थापित लोग तंबू और अन्य अस्थायी आश्रयों में रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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