गजा में आब तक 24 पत्रकार रिपोर्टिंग करते हुए मारे गए, कई जख्मी
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने गजा में पत्रकारों के मारे जाने के नवीनतम आंकड़ों में कहा है कि कम से कम 24 पत्रकार अभी तक मौत की आगोश में जा चुके हैं। बुधवार को अल जजीरा के अरबी ब्यूरो चीफ वाएल दाहदोह के पूरे परिवार को गजा में टारगेट करके मारा गया। लेकिन इन मौतों को पत्रकारों की मौत में शामिल नहीं किया गया है।
सीपीजे की इमरजेंसी डायरेक्टर लुसी वेस्टकॉट ने कहा कि लड़ाई से क्षेत्र में नागरिकों के भारी जान-माल के नुकसान के अलावा, इजराइली कब्जे वाले क्षेत्रों में पत्रकारों के लिए सबसे घातक स्थिति पैदा हो गई है। सीपीजे पूरी दुनिया में 1992 से पत्रकारों की मौतों पर नज़र रख रही है।
सीपीजे ने बताया कि मरने वाले दो दर्जन पत्रकारों में से 20 फिलिस्तीनी, तीन इजराइली और एक लेबनानी हैं। कम से कम आठ अन्य पत्रकारों के घायल होने की सूचना है, जबकि तीन अन्य लापता या हिरासत में लिए गए हैं। सीपीजे ने कहा- "सीपीजे इस बात पर जोर देता है कि पत्रकार संकट के समय महत्वपूर्ण काम करने वाले नागरिक हैं और उन्हें युद्धरत दलों द्वारा निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। दुनिया भर में लाखों लोग संघर्ष के बारे में सटीक जानकारी पाने के लिए उस क्षेत्र के पत्रकारों पर भरोसा कर रहे हैं। सभी नागरिकों की तरह पत्रकारों का भी सम्मान और सुरक्षा की जानी चाहिए।”
सीपीजे ने फ़िलिस्तीनी शरणार्थी शिविर अल-ब्यूरिज के पूर्व में सीमा पर फ्रीलांस पत्रकार एल-सलाही की गोली मारकर हत्या करने का मामला इजराइल से उठाया है। सीपीजे ने कहा- "हम इज़राइल रक्षा बलों से फ़िलिस्तीनी पत्रकार मोहम्मद अल-सलाही की हत्या की गहन जांच करने, गोलीबारी के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें जिम्मेदार ठहराने का आग्रह करते हैं। इज़राइल की सेना को इज़राइल-गाजा संघर्ष को कवर करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए।"
सीपीजे की इमरजेंसी डायरेक्टर लुइस वेस्टकॉट ने कहा- 24 नवीनतम संख्या सायद कम है, क्योंकि सीपीजे अधिकारियों का कहना है कि वे मारे गए, लापता, हिरासत में लिए गए या धमकाए गए पत्रकारों की कम से कम 100 अतिरिक्त रिपोर्टों की भी जांच कर रहे हैं। वेस्टकॉट ने कहा कि उन मामलों में पत्रकारों के दफ्तरों और घरों को हुए नुकसान की खबरें भी शामिल हैं।
#BREAKING| #Israeli warplanes have killed journalist Dua' Sharf in a strike on her house in #Gaza. pic.twitter.com/KJUJNjx34c
— Quds News Network (@QudsNen) October 25, 2023
अरब और मिडिल ईस्ट पत्रकार संघ ने एक बयान जारी कर फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों, इज़राइल और लेबनान में पत्रकारों की हालिया हत्या की निंदा की है। सीपीजे की वेस्टकॉट ने कहा, मारे गए फिलिस्तीनी पत्रकार गजा में स्थित थे और "गजा में जमीन पर क्या चल रहा है, इसकी दुनिया की समझ के लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण थे।"
फिलिस्तीन में मारे गए पत्रकारों में सईद अल-ताविल, मोहम्मद सुभ, हिशाम एन-नवासिहे, इब्राहिम लफी, मोहम्मद सरगुन, मोहम्मद एस-सलीही, एसाद शेमलाह और सेलामे माईम हैं। मोहम्मद इमाद लबाद, अल रेसाला फाउंडेशन समाचार वेबसाइट के पत्रकार थे। वह गजा शहर के शेख राडवान में एक इजराइली हवाई हमले में मारे गए। फिल्म निर्माता और ऐन मीडिया के सह-संस्थापक रोशदी सरराज गजा में एक इजराइली हवाई हमले में मारे गए। इनके अलावा भी कई नाम हैं। दो अन्य पत्रकार निदाल अल-वाहिदी और हेसेम अब्दुल वाहिद का कोई पता नहीं चला है।
इस हालिया युद्ध के फैलने से पहले भी पत्रकारों की मौत के लिए इजराइली सरकार विवादों में रही है। पिछले साल, इजराइली सेना ने शुरू में इस बात से इनकार किया था कि उसके एक सैनिक ने अल जज़ीरा के फिलिस्तीनी अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जब शिरीन को मारा गया था तो उनके हेलमेट और लिबास पर पर "प्रेस" लिखा हुआ था। 2001 में 20 फिलिस्तीनी पत्रकारों की हत्या का आरोप इजराइली सेना पर लगा था। जिसका इजराइली सेना ने कभी जवाब नहीं दिया।