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गंगा नदी में मांस खाने और हुक्का पीने पर आपत्ति क्यों? 

गंगा नदी में मांस खाने और हुक्का पीने पर आपत्ति क्यों? 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग प्रयागराज में गंगा नदी में नाव पर मांस खा-पका रहे हैं और हुक्का पी रहे हैं। पुलिस आरोपियों को तलाश रही है। लेकिन लोगों ने सोशल मीडिया पर पूछा है कि इसमें गलत क्या है। क्या नदी में भी मांस खाने और हुक्का पीने पर रोक लगा दी गई है। 

यूपी के प्रयागराज में गंगा नदी के बीच में नाव पर चिकन पकाते और हुक्का पाइप पीने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में सक्रिय हो गई है। हालांकि भारत में किसी नदी में मांस खाने या स्मोकिंग पर बैन नहीं है लेकिन प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा चूंकि हिन्दुओं के पवित्र स्थल हैं, इसलिए इनका स्टेटस अलग है। मथुरा में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। इसके बावजूद लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल पूछा कि नदी में नाव में बैठकर मांस खाना अपराध कैसे है।

ताजा घटना प्रयागराज के दारागंज में नागवासुकी मंदिर के पास की है। प्रयागराज हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवकों को गंगा नदी में एक नाव पर मांस (चिकन) पकाते, खाते और हुक्का पीते देखा जा सकता है।  

पुलिस ने टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने कहा, नाव पर मस्ती करते हुए देखे जाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रयागराज में पिछले सप्ताह गंगा और यमुना नदियों में जलस्तर बढ़ने से कई निचले इलाके जलमग्न हो गए थे। राजापुर, बघरा, दारागंज और कई अन्य जगहों की निचली कॉलोनियों में पानी जमा हो गया। प्रशासन ने शहर में बाढ़ जैसी स्थिति के बीच किसी भी नाव क्रूज पर प्रतिबंध लगा दिया था।

समझा जाता है कि वायरल वीडियो भी ऐसे किसी इलाके का है, जहां नाव में मांस पकाया और खाया जा रहा है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में गंगा के किनारे 500 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन वाराणसी, प्रयागराज और मथुरा में तमाम शर्तों के साथ प्रतिबंध सरकार की ओर से लगाया गया है। यूपी में बीफ के नाम पर तमाम स्लाटर हाउस बंद करा दिए गए हैं।

प्रयागराज की घटना के संदर्भ में लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल पूछा है कि पुलिस और सरकार बताए कि इसमें गलत क्या है।

किसी ने कहा है कि असली प्रदूषण की तरफ सरकार और पुलिस का ध्यान नहीं है लेकिन वो ऐसी चीजों में फौरन कानून तलाश लेती है।

किसी ने लिखा है कि वो सिर्फ मांस खा रहे हैं और हुक्का पी रहे हैं। न किसी की हत्या कर रहे हैं और न किसी का रेप कर रहे हैं।

इनका सवाल भी कम वाजिब नहीं है-

इस तरह का तमाम प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे हैं। लेकिन पुलिस इस मामले की जांच में पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से जुटी है।

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