यूपी की चित्रकूट जेल में गैंगवार, फ़ायरिंग हुई, तीन कैदी मारे गए
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िला जेल में शुक्रवार को दो ख़तरनाक गैंगस्टरों की आपसी लड़ाई में तीन लोग मारे गए। जेल के भीतर ख़तरनाक असलहों से गोलियाँ चलीं और घंटों अपराधी खुलेआम घूम-घूम कर प्रशासन को चुनौती देते रहे। गोलीबारी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश मुकामी काला और माफिया मुख्तार अंसारी का ख़ास वाराणसी का मेराज अली मारा गया जबकि इन दोनों की हत्या करने वाले सीतापुर के हिस्ट्रीशीटर अंशुल दीक्षित को जेल पुलिस ने मार गिराया। शामली ज़िले का रहना वाला मुकीम काला एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या का मुख्य आरोपी था। प्रदेश सरकार ने इसे 2012 से 2017 के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोगों के हुए पलायन का ज़िम्मेदार भी माना था।
चित्रकूट जेल में घंटों चले अपराधियों के संघर्ष में बहुत से कैदी घायल भी हुए हैं। नामी हिस्ट्रीशीटर अंशुल ने एक घंटे तक पांच कैदियों को बंधक भी बनाए रखा। जेल में घंटों फायरिंग की आवाज़ें आती रहीं और मौक़े पर पहुँच गए आला अधिकारी भी काफी मशक्कत के बाद अंदर घुस सके।
जेल में सुबह से मचा तांडव
उत्तर प्रदेश के महानिदेशक कारागार आनंद कुमार के मुताबिक़ चित्रकूट ज़िला कारागार की उच्च सुरक्षा बैरक में बंद अंशुल दीक्षित जो ज़िला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर आया था, ने शुक्रवार सुबह दस बजे मुकीम काला और मेराज अली को असलहों से फायरिंग कर मार डाला। मुकीम काला को हाल ही में सहारनपुर जेल से जबकि मेराज अली के वाराणसी जेल से चित्रकूट भेजा गया था। जेल अधिकारियों के मुताबिक़ अंशुल दीक्षित ने पांच अन्य बंदियों को अपने कब्जे में कर लिया और उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा। असलहों से लैस अंशुल को आत्मसमर्पण के लिए कई बार कहने के बाद भी फायरिंग की गई। मौक़े पर चित्रकूट के पुलिस कप्तान और ज़िला अधिकारी भी पहुँच गए थे। जेल प्रशासन के मुताबिक़ उसकी आक्रामकता, ज़िद को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई विकल्प न देखते हुए की गई फायरिंग में अंशुल दीक्षित भी मारा गया।
अब सरकार बता रही काला का इतिहास
चित्रकूट जेल में दिन दहाड़े हुई इस गैंगवार के बाद प्रदेश सरकार ने मारे गए अपराधी मुकीम काला का आपराधिक इतिहास बताया है। इसके मुताबिक़ वेस्ट यूपी के कैराना में पलायन का मुख्य आरोपी मुकीम काला था।
कैराना समेत आसपास के इलाक़ों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 6 साल पहले अन्य मज़दूरों के साथ मकान निर्माण में चिनाई मिस्त्री के साथ मज़दूरी करता था।
मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी थी। इस मामले में मुकीम काला जेल गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने क़दम आगे बढ़ा दिए।
मुकीम काला का खौफ वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला। इसके मुताबिक़ जेल में मारा गया मुकीम काला ही वह अपराधी है जिसने एनआईए ऑफ़िसर तंजील अहमद को दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया था।
पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर अलग-अलग थानों में क़रीब 61 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
आंबेडकरनगर जेल भी हुआ था संघर्ष
गुरुवार को ही उत्तर प्रदेश में आंबेडकरनगर ज़िला कारागार में बंद दो गुटों में ज़बरदस्त मारपीट हुई थी। जेल अधिकारियों के मुताबिक़ पुरानी रंजिश को लेकर हुई जमकर मारपीट में 3 से 4 बंदी बुरी तरह से घायल हुए जिन्हें इलाज के लिए ज़िला अस्पताल भेजा गया था। उत्तर प्रदेश में इसी सरकार में जेल में पूर्वी उत्तर प्रदेश के शातिर अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या की गयी थी।