मेरठ में जुमलों का खेल, जमीन पर सिर्फ यूनिवर्सिटी की आधारशिला!
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मेरठ में खेल के जरिए खेल कर दिया। मोदी ने यहां हॉकी के जादूगर स्व. मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रस्तावित यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी। यह एक सामान्य कार्यक्रम नहीं था। मोदी और .सीएम योगी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में खेल को जुमलों में बदला। मोदी ने पुशअप भी लगाए। खेल से जुड़े इस आयोजन में सिर्फ जुमलों का खेल था और धरातल पर भविष्य में बनने वाली यूनिवर्सिटी की मात्र आधारशिला।
दरअसल, बीजेपी का ध्यान युवा मतदाताओं पर है। इस बार ओलंपिक में ज्यादा मेडल मिलने से गांवों में खेल को लेकर युवकों की जागरुकता बहुत बढ़ गई है। बीजेपी ने इस कार्यक्रम को अपने कार्यकर्ताओं से मिली फीडबैक के आधार पर तरतीब दिया था।
बीजेपी पिछले एक महीने से तमाम मंत्रियों को प्रदेश में जगह-जगह भेजकर खेल उत्सव करा रही थी, जिसमें खेल और युवा मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य मंत्री और सांसद जा रहे थे लेकिन मेरठ का आज का इवेंट महत्वपूर्ण और बड़ा था। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को जीतने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
यूपी सरकार ने चार महीने पहले ओलंपिक मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को दस करोड़ रुपये से ज्यादा बांटे हैं। कुश्ती को राज्य का विशेष खेल घोषित कर दिया है। यानी यूपी सरकार पिछले कई महीने से युवा मतदाताओं पर नजर गड़ाए हुए थी और उसी हिसाब से तैयारी कर रही थी।
मेरठ इवेंट के लिए करीब 2500 खिलाड़ियों को सम्मान देने के नाम पर जमा किया गया था। मोदी ने 32 चुनिंदा खिलाड़ियों से मुलाकात की और बात भी की। यह सारा कार्यक्रम टीवी के जरिए लाइव पूरे यूपी में दिखाया जा रहा था। बीजेपी की जिला कमेटियों, सांसदों और विधायकों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने इलाकों में टीवी के जरिए इस कार्यक्रम को जनता को दिखाएं।
बहरहाल, मेरठ में प्रस्तावित मेजर ध्यानचंद खेल यूनिवर्सिटी पर प्रदेश सरकार 700 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह यूनिवर्सिटी 91 एकड़ में बनेगी। मेरठ में खेलों का सामान बनाने वाले कारखाने भी हैं। उसके मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेल यूनिवर्सिटी का भविष्य में बनना महत्वपूर्ण है।
मोदी के जुमले
-यूपी में पहले माफिया खेल खेलते थे।
-पहले यहां अवैध कब्जे के लिए टूर्नामेंट होते थे।
-आज योगी सरकार अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है।
-सोतीगंज में गाड़ियों के खेल का अंत हो रहा है। (बता दें कि पुलिस का आरोप है कि मेरठ के सोतीगंज में चोरी की गई गाड़ियां लाई जाती हैं और उन्हें काटा जाता है। हालांकि सोतीगंज आटो पार्ट्स की बहुत बड़ी मार्केट है। जहां किसी भी गाड़ी का कोई भी पार्ट मिल जाता है। समुदाय विशेष के लोग इस बिजनेस में हैं)
-पहले की सरकारों में माफिया हावी थे।
-युवा नए भारत का विस्तार हैं। युवा नियंता भी हैं और नेतृत्वकर्ता भी हैं।
-जिधर युवा बढ़ते हैं, मंजिल कदम चूमती है।
मोदी बोले -
“
यूपी में अब असली खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जबरदस्त स्वागत
मेरठ के लोग आज सड़कों पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए उमड़ पड़े। लोग अपनी छतों से प्रधानमंत्री के गुजरते काफिले को देख रहे थे। खिड़कियों से झांक रहे थे। तमाम लोग सड़कों पर फूल लेकर ऐसे खड़े थे, जैसे मोदी उनके हाथ से फूल ले ही लेंगे। जिला प्रशासन ने हालांकि कोरोना के मद्देनजर धारा 144 लगा रखी थी। प्रशासन ने मेरठ में कोरोना के 88 केस और ओमिक्रॉन का एक केस मिलने पर धारा 144 लागू की थी। लेकिन शहर की भीड़ जब उमड़ी तो पुलिस ने भी उन्हें नहीं रोका।
मेरठ में 500 रू. प्रति व्यक्ति के हिसाब से जुटाई गई भूखी प्यासी भीड़ प्रशासन के खाने,पानी, केलों पर टूट पड़ी।#बाबा_तो_गयो pic.twitter.com/uYOKoSsPZO
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) January 2, 2022
उधर, सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मोदी के कार्यक्रम में आए लोग एक ट्रक पर लदे खाने और फल के पैकेट लूटते हुए। सरकार के कड़े आलोचक पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि मोदी के कार्यक्रम में 500-500 रुपये देकर भीड़ जुटाई गई थी। लेकिन भूख, प्यास से बेहाल भीड़ बेकाबू हो गई और उसने उस ट्रक को लूट लिया, जिसमें उनके लिए खाना और फल रखा था।अन्य विपक्षी दलों ने भी आरोप लगाया है कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर मोदी और योगी की सभाओं में भीड़ जुटाई जा रही है। जनता को इनकी हकीकत मालूम है।