फँसे हुए प्रवासी मज़दूरों को निकालने पर योगी के ख़िलाफ़ गडकरी
लॉकडाउन की वजह से फँसे हुए मज़दूरों को निकाल कर वापस अपने राज्य लाने के मुद्दे पर बीजेपी के योगी आदित्यनाथ और उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी आमने-सामने हैं। दोनों की बातें एक दूसरे के बिल्कुल उलट हैं।
क्या कहा गडकरी ने
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनडीटीवी से बात करते हुए ज़ोर देकर कहा है कि जो मज़दूर जहाँ है, उसे वहीं रोज़गार देने और उसका ख़्याल रखे जाने की ज़रूरत है। मौजूदा हालात में उसे अपने गृह राज्य ले जाना ग़लत है। वे यदि अपने गाँव जाएंगे तो उनके साथ संक्रमण भी जाएगा और वे अधिक लोगों को संक्रमित करेंगे।उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की योजना पर कहा कि फ़िलहाल उन्हें यह योजना रोक देनी चाहिए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का फ़ैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के ऐसे श्रमिक, कामगार तथा मजदूर बहन-भाई, जो अन्य राज्यों में रहते हैं और 14 दिन की क्वारंटीन की अवधि पूरी कर चुके हैं, उन्हें वापस उनके घर तक पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे लोगों की राज्यवार सूची तैयार करने सहित चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
लेकिन नितिन गडकरी इससे इत्तिफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास बसें हैं, ट्रेन हैं, वे चाहें तो इसे चला सकती हैं। पर इसे इसलिए नहीं चलाया जा रहा है ताकि संक्रमण न फैले।