ओमिक्रॉन के बाद फ्रांस में मिला नया वैरिएंट आईएचयू, जानिए कितना संक्रामक है
दुनिया अभी तेज़ी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट से जूझ ही रही है कि वैज्ञानिकों ने फ्रांस में एक नये वैरिएंट का पता लगाया है। इस वैरिएंट में 46 म्यूटेशंस हैं। इसके बाद से नये सिरे से चिंताएँ पैदा हो गई हैं। हालाँकि इस नये वैरिएंट के बारे में अभी ज़्यादा शोध नहीं हुए हैं, इसलिए यह पता लगने में समय लगेगा कि यह कितनी तेज़ी से फैलता है और कितना घातक है। फ्रांस से पहले दक्षिण अफ्रीका में मिले ओमिक्रॉन वैरिएंट में क़रीब 50 म्यूटेशंस थे और इसके बारे में कहा जाता है कि यह काफ़ी तेज़ी से फैलता है।
फ़्रांस में मिले इस वैरिएंट को फिलहाल 'IHU' नाम दिया गया है। इस वैरिएंट का वैज्ञानिक नाम बी.1.640.2 है। इस वैरिएंट को आईएचयू मेडिटेरनी इंफेक्शन संस्थान के शोधकर्ताओं ने पहचाना है।
जानिए, क्या है इस वैरिएंट में
- फ्रांस में मिले इस वैरिएंट में 46 म्यूटेशन पाए गए हैं, इनमें से कुछ दूसरे वैरिएंट में भी मिले थे।
- इस वैरिएंट की कम से कम 12 मामलों में पुष्टि हुई है। इन लोगों ने अफ्रीकी देश कैमरून की यात्रा की थी।
- परीक्षण से पता चलता है कि वैरिएंट में एन501वाई म्यूटेशन मौजूद है जो पहली बार अल्फा वैरिएंट में पाया गया था।
- विशेषज्ञों का मानना है कि एन501वाई म्यूटेशन इसे अधिक संक्रामक बना सकता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें ई484के म्यूटेशन भी है, जिससे आईएचयू वैरिएंट टीकों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होगा।
- एन501वाई और ई484के म्यूटेशन पहले बीटा, गामा, थीटा और ओमिक्रॉन वैरिएंट में भी पाए गए थे।
- इस वैरिएंट के मामलों की अन्य देशों में पुष्टि नहीं हुई है। डब्ल्यूएचओ से इसका नामकरण नहीं हुआ है।
हालाँकि, शोधकर्ताओं ने नोट किया कि जहाँ तक संक्रमण और टीकों से सुरक्षा का संबंध है, इस बारे में अनुमान लगाना जल्दबाज़ी होगी।
एपिडेमियोलॉजिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने एक लंबा ट्विटर थ्रेड पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि नए वैरिएंट सामने आते रहते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे अधिक ख़तरनाक होंगे।
6) There are scores of new variants discovered all the time, but it does not necessarily mean they will be more dangerous. What makes a variant more well-known and dangerous is its ability to multiply because of the number of mutations it has in relation to the original virus.
— Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) January 3, 2022
उन्होंने कहा कि जो चीज किसी वैरिएंट को अधिक प्रसिद्ध और ख़तरनाक बनाती है, वह है मूल वायरस के संबंध में होने वाले म्यूटेशन की संख्या के कारण बढ़ने की क्षमता।
बता दें कि 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिले ओमिक्रॉन वैरिएंट में क़रीब 50 म्यूटेशंस हैं। यह काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है और कोरोना संक्रमण से बनी एंटीबॉडी व वैक्सीन से मिली सुरक्षा को भेद रहा है। इस वैरिएंट के मामले अब तक 100 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। भारत में भी अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस संक्रमण के मामले आ चुके हैं।