तीन और महिलाएं जतिन के ख़िलाफ़ आगे आई, शक लाज़िमी
#MeToo में लगे आरोपों पर जतिन दास ने सफ़ाई दी है। दास ने कहा, 'यह बहुत ख़राब है। मैं नहीं जानता कि ये लोग क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा इससे कुछ लेना-देना नहीं है। 2012 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित हो चुके जतिन दास ने कहा, 'मैं इससे ज़्यादा और कुछ नहीं कह सकता।' अब तक कुल चार महिलाएं जतिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं।
पिता पर लगे आरोपों पर अभिनेत्री नंदिता दास ने कहा है कि वह #MeToo का समर्थन करती हैं। नंदिता ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘मैं #MeToo का समर्थन करती हूं और कहना चाहती हूं कि पिता पर लगे आरोपों के बाद भी अपनी आवाज़ उठाऊंगी।’
#MeToo कैंपेन से जुड़ी संध्या मेनन ने गुरूवार को एक पोस्ट शेयर की थी। पोस्ट में मालविका कुंडू नाम की महिला ने आरोप लगाया कि जब वह 18 वर्ष की थीं तो दास ने उनसे दुर्व्यवहार किया था। कुंडू ने आरोप लगाया था कि दास बिना किसी कारण के उन्हें छू रहे थे और लगातार उसे बेबी कह रहे थे। वह ऐसा करने के लिए उन्हें मना कर रही थी।
कुंडू ने कहा, ‘जब वह उनके साथ काम करती थीं तो वह उनके बेहद करीब खड़े हो जाते थे। यह सबकुछ नौकरी के पहले ही दिन उनके घर पर हुआ।’ कुंडू ने कहा, 'उन्होंने मुझे इतना परेशान कर दिया कि मैं इन तीन दिनों से नफरत करने लगी। कहने के बाद भी उनका मुझे बेबी कहना नहीं रुका।'
एक अन्य महिला लेखक गरुषा कटोच ने भी जतिन दास पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। गरुषा ने ट्विटर पर कहा है कि दिसम्बर 2013 में जब वह इंटर्नशिप की तलाश में थी तब उन्हें पता चला कि जतिन दास सेंटर ऑफ आर्ट्स (JDCA) में इंटर्न के लिए जगह है। उस वक्त मैं 20 साल की थी।
Jatin Das: Renowned painter, Padma Bhushan recipient and someone who tried to take advantage of me when I was 20. 5 years too late but it’s about time I speak up. @NishaBora thank you for speaking up. #MeToo pic.twitter.com/PgheXFOy5R
— Garusha Katoch (@GarushaK) October 16, 2018
इंटर्नशिप के लिए दिए टेस्ट में पास होने के बाद वह जतिन दास के शाहपुर जट स्थित ऑफिस पहुंचीं जहां कुछ इंटर्न्स काम कर रहे थे। गरुषा ने लिखा कि कुछ ही दिन में जतिन का व्यवहार उनके लिए काफी बदल गया था। एक दिन जतिन, धूम्रपान करते हुए उनके पास पास आकर बैठ गए और बोले -मैं सिगरेट ज्यादा पीता हूं ना? अगली बार मुझे रोक लेना। उन्होंने लिखा कि उस दिन मुझे बहुत अजीब महसूस हुआ।
वह लिखती हैं कि एक दिन काम करते हुए मुझे काफी वक्त हो गया था और सभी लोग घर चले गए थे। लेकिन मैं काम ज्यादा होने की वजह से रुक गई। उस वक्त 7 या 8 बज रहे होंगे। जैसे ही काम ख़त्म करके मैं घर जाने लगी तो जतिन दास ने दरवाजा बंद कर दिया और मुझे रुकने के लिए कहा।
गरुषा ने लिखा, ‘जतिन बोले मैं तुम्हारे घरवालों से बात कर लूंगा, तुम यहीं रुक जाओ, मेरे पास एक कमरा खाली है। फिर उन्होंने अपनी कार से मुझे घर छोड़ने के लिए कहा, उन दिनों ओला-उबर जैसी कोई सुविधा नहीं थी और रात के तकरीबन 9 बज रहे थे। साल भर पहले निर्भया काण्ड हो चुका था, उनके साथ जाने के अलावा मेरे पास कोई रास्ता नहीं था।’
गरुषा लिखती हैं, 'रास्ते में जतिन दास ने एशियाड विलेज में उनके खाली कमरे को देखने को कहा, मैं जैसे ही कमरे में गईं उन्होंने मुझे जकड़ लिया और किस करने की कोशिश की। मैं बहुत मुश्किल से वहां से बाहर निकलीं, मैने इस बारे में अपने सीनियर और घरवालों को भी बताया था।'
इसके बाद एक महिला पत्रकार अनुश्री मजूमदार ने भी अपनी स्टोरी शेयर की। अनुश्री ने आरोप लगाया, ‘जतिन दास चाहते थे कि मैं उनके साथ काम करूं, जतिन ने मुझे नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया था। अनुश्री ने कहा, जब मैं उनके शाहपुर जट स्थित अॉफिस पहुंची तो वह मेरे काफ़ी करीब खड़े हो गए और अज़ीब से सवाल पूछने लगे। इसके बाद उन्होंने मुझे कई बार कॉल किया लेकिन मैंने उनका फोन नहीं उठाया।
(1/3) I was fresh out of college when I met Jatin Das in 2006. I was a project manager for the first Monsoon Festival in Delhi, 2006. I had to pick up a painting from his studio, I called him to ask when. He was sweet till he asked me if I would work for him as his assistant. https://t.co/PsQ9WRO1tB
— Anushree Majumdar (@CaptBackspace) October 16, 2018
सबसे पहले कागज बनाने वाली एक कंपनी की को-फाउंडर निशा बोरा ने 16 अक्टूबर को उनके खिलाफ आरोप लगाए थे। बोरा ने कहा था कि दास ने 2004 में अपने खिड़की गांव स्थित स्टूडियो में 2004 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। ये सभी घटनाएं जतिन के दिल्ली में स्थित स्टूडियो में हुई हैं। निशा बोरा के सामने आने के बाद जब तीन और महिलाएं जतिन पर आरोप लगा रही हैं तो इससे जतिन की विश्वसनीयता पर शक होता है। चाहे वह लाख मना कर लें और ख़ुद को पाक साफ़ बताएं।