सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड
सोमवार तड़के आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक आर्मी मेजर सहित चार जवान शहीद हो गए। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, मुठभेड़ में पुलवामा में सीआरपीएफ़ जवानों के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद ग़ाज़ी उर्फ़ कामरान को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ 12 घंटे तक चली। सेना को पुलवामा हमले के बाद से ही ग़ाज़ी की तलाश थी। ग़ाज़ी पाकिस्तान का रहने वाला था। मुठभेड़ में एक अन्य जवान भी घायल हो गया है।
सीआरपीएफ़ जवानों पर हुए हमले से पहले भी ग़ाज़ी सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में बच गया था। ग़ाज़ी को आईईडी बम बनाने का विशेषज्ञ माना जाता था और उसी ने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल अहमद डार को ट्रेनिंग दी थी।
सुरक्षा बलों के अनुसार यहाँ और भी आतंकवादी छिपे हो सकते हैं। अवंतीपोरा में आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हमले के बाद ऐसी पहली मुठभेड़ है। पुलवामा आतंकी हमले में 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के चौथे दिन भी जम्मू में कर्फ्यू जारी है।
सोमवार तड़के शुरू हुई इस पुलवामा मुठभेड़ में मेजर डी.एस. ढौंडियाल, हेड कांस्टेबल शेव राम, अजय कुमार और हरि सिंह के शहीद हो गये। गंभीर रूप से घायल हुए गुलज़ार मुहम्मद को आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया है। इधर, मारे गये दोनों आतंकवादियों के पास से एक एके-47 राइफ़ल और एक पिस्टल बरामद हुई है।
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Visuals: The 4 Army personnel including a Major, who were killed in action during encounter between terrorists and security forces, in Pinglan area of Pulwama district, belonged to 55 Rashtriya Rifles. #JammuAndKashmir (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/Wa2sxz3bzT
— ANI (@ANI) February 18, 2019
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सुरक्षा बलों को रविवार देर रात को आतंकियों के यहाँ छुपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना, सीआरपीएफ़ और स्थानीय पुलिस ने एक साथ कार्रवाई की। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर लिया और खोजी अभियान चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने अंधाधुंध फ़ायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी मुँहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ में चार जवानों के शहीद होने के अलावा एक स्थानीय नागरिक की भी मौत हो गई है। सुरक्षा बलों ने आसपास के इलाक़े को घेर लिया।
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बता दें कि इससे पहले 14 फ़रवरी को पुलवामा जिले में सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हुए आतंकी हमले को लेकर देश में आक्रोश है। इस हमले में सीआरपीएफ़ के 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे। आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े आतंकी आदिल अहमद डार ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। डार ने विस्फ़ोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी।
दो दिन पहले भी हुए थे एक मेजर शहीद
जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर नौशेरा सेक्टर में शनिवार को आईईडी डिफ्यूज करते समय विस्फोट हो गया था और इसमें सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। सेना के सूत्रों का कहना था कि पाकिस्तान की ओर इस सेक्टर के सरैया क्षेत्र में आईईडी बिछे होने का पता चला था। इसके बाद सेना की ओर से इसे डिफ्यूज किया जा रहा था। तीन आईईडी को डिफ्यूज कर लिया गया था, लेकिन चौथे आईईडी को डिफ्यूज करते समय इसमें विस्फोट हो गया था। इसमें इंजीनियरिंग विभाग के एक मेजर शहीद हो गए। बता दें कि पिछले महीने ही जनवरी में एलओसी के क़रीब पुखरणी में भी आईईडी ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक अधिकारी समेत दो जवान शहीद हो गए थे।