पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की उम्र में आज दुबई के अमेरिकन अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके मृत शरीर को पाकिस्तान वापस लाया जाएगा या नहीं, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। हालांकि उनका परिवार पिछले साल से ही उन्हें घर वापस लाने की कोशिश कर रहा है।
मुशर्रफ के परिवार ने पिछले साल उनके आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया था कि 'रिकवरी संभव नहीं है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को वेंटिलेटर पर रखे जाने की खबरों के बाद उनके परिवार ने बयान जारी कर बताया था। मुशर्रफ को लेकर खबर थी की वह एमाइलॉयडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे हैं, बाद में उनके परिवार ने बताया था कि वह ऐसी किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।
मुशर्ऱफ, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में हत्या के आरोपों का सामना कर रहे थे। जिसकी वजह से वह निर्वासन में थे और पिछले आठ साल से दुबई में रह रहे थे। हालांकि उन्होंने बाकी का जीवन पाकिस्तान में रहकर बिताने की ख्वाहिश जारी की थी और वह पाकिस्तान लौटने के लिए प्रयास कर रहे थे। लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी।
वह 1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने 1998 से 2001 तक पाकिस्तान की ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) के 10 वें अध्यक्ष और 1998 से 2007 तक 7 वें शीर्ष जनरल के रूप में कार्य किया।
भारत पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिए मुशर्रफ काफी प्रयासरत थे। इसके लिए अटल बिहारी वाजपेई के साथ कई दौर की बातचीत की। इसमें आगरा शिखर सम्मेलन एक बेहतरीन प्रयास था, जो अपनी अंतिम परिणीति तक नहीं पहुंच पाया। इसके बाद भी दोनों देशों के आपसी रिश्तों में बहुत तक दोस्ताना माहौल रहा। मुशर्ऱफ का कार्यकाल भारत पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिए आखिरी गंभीर प्रयास कहा जा सकता है।