पूर्व पाक राजनयिक अब्दुल बासित ने दी भारत को युद्ध की धमकी
रूस, ब्रिटेन समेत कई देश अनुच्छेद 370 हटाने को भारत का आंतरिक मामला बता चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान शायद भारत सरकार के इस क़दम से अब तक परेशान है। रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस मुद्दे पर भारत के ख़िलाफ़ ट्वीट कर अपनी हताशा दिखाई थी तो अब पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने भारत से युद्ध करने की बात कही है। अब्दुल बासित लंबे समय तक भारत में पाकिस्तान के राजनयिक के तौर पर काम कर चुके हैं।
बासित ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘कश्मीर में संघर्ष के चार विकल्प हैं। पहला - नैशनल कॉन्फ़्रेंस सुप्रीम कोर्ट में क़ानूनी लड़ाई लड़े। दूसरा - पाकिस्तान कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के साथ कूटनीतिक प्रयास जारी रखे, तीसरा - पाकिस्तानी और कश्मीरी प्रवासी इस संबंध में अपने प्रयास करते रहें और चौथी बात जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह यह कि पाकिस्तान कश्मीर में राजनीतिक लड़ाई को जारी रखे और अगर भारत अपनी हद पार करे तो युद्ध की ओर बढ़ा जाए।'
Kashmir struggle on four fronts:1. Legal battle by NC et al in Supreme Court for two articles; 2.Pak pursuing self determination diplomatically 3. Pak/Kashmiri diaspora doing their bit; 4. Most important sustained political resistance in IOK. If India crosses redline, then war1/2
— Abdul Basit (@abasitpak1) August 12, 2019
बासित ने अपनी बात जारी रखते हुए एक और ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान को विदेश मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर के मामलों के लिए अलग सेल बनानी चाहिए और इसके लिए विशेष राजदूत नियुक्त करना चाहिए। बासित ने आगे कहा कि बेहतर और प्रभावी कूटनीति के लिए सही संगठनात्मक ढाँचा होना बहुत ज़रूरी है और कश्मीर पर पाकिस्तान को अपनी लंबे समय से चली आ रही नीति में बदलाव लाना होगा। इससे पहले भी बासित ने 5 अगस्त को कहा था कि पाकिस्तान के पास विकल्प है कि वह अनुच्छेद 370 के मुद्दे को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में ले जाए।
Pak must establish Jammu and Kashmir Cell in Foreign Office headed by Special Envoy on J&K. Appropriate organisational structure is a must for coherent and effective diplomacy. Time for as hocism on Kashmir long gone. 2/2
— Abdul Basit (@abasitpak1) August 12, 2019
बता दें कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फ़ैसले के बाद से ही पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है। 7 अगस्त को उसने वाघा सीमा को बंद कर दिया था और भारत के साथ राजनयिक रिश्तों में कटौती कर दी थी। पाकिस्तान ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी वापस भेजने का फ़ैसला किया था।
इससे पहले इमरान ख़ान ने रविवार को एक के बाद कई ट्वीट किए थे। ख़ान का आरोप है कि भारत मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटा रहा है। बता दें कि इस मुद्दे पर इमरान ख़ान दुनिया भर के देशों से साथ देने की अपील कर चुके हैं लेकिन उन्हें लगभग सभी जगह से निराशा मिली है।
दूसरी ओर, कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने से पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन बुरी तरह बौखला गए हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) के मुताबिक़, आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सात सदस्यों के आत्मघाती दस्ते ने भारत में घुसपैठ की है। ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़, यह दस्ता भारत में किसी बड़ी आतंकवादी हरक़त को अंजाम दे सकता है। यह वही जैश-ए-मोहम्मद है, जिसने भारत में इस साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था। इसका सरगना मसूद अज़हर है, जिसे भारत के दबाव में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।
श्रीनगर के एक सुरक्षा अधिकारी ने टीओआई को बताया कि पाकिस्तान दुनिया भर का ध्यान कश्मीर की ओर खींचने के लिए बेताब है। क्योंकि इस मुद्दे पर उसे अमेरिका के साथ ही मुसलिम देशों से भी कोई मदद नहीं मिली है। इसलिए वह आतंकवादी हमलों की अपनी पुरानी रणनीति पर काम कर सकता है। बता दें कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन एक लंबे अरसे से कश्मीर के लोगों को भारत के ख़िलाफ़ भड़काने के काम में जुटे हुए हैं।