पूर्व आईपीएस असीम अरुण यूपी में बीजेपी का दलित चेहरा होंगे
यूपी के चर्चित आईपीएस असीम अरुण आज बीजेपी में शामिल हो गए। पिछले दिनों उन्होंने वीआरएस लिया था। उनकी अंतिम तैनाती कानपुर पुलिस कमिश्नर के रूप में थी। बीजेपी में आते ही उन्हें सबसे ईमानदार अफसर का सर्टिफिकेट भी मिल गया। खबर है कि बीजेपी उन्हें दलित चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करेगी। उन्हें कन्नौज से चुनाव लड़ाया जा सकता है।
करीब 15 दिनों पहले असीम अरुण ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वो नौकरी छोड़कर राजनीति में आएंगे। घोषणा होते ही इस बात की सूचनाएं फैल गईं कि वो बीजेपी में शामिल होंगे।वो 1994 बैच के आईपीएस हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में आज दोपहर उन्हें लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में ज्वाइन कराया गया। इस मौके पर स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सिर्फ ईमानदार लोग ही बीजेपी में आते हैं।
लखनऊ:। बीजेपी में शामिल असीम अरुण का बयान
— Pankaj Amar Ujala (@amarujalapankaj) January 16, 2022
बीजेपी शासन में सबसे सुखद अनुभव-असीम
योगी सरकार ने पुलिस को शक्ति दी-असीम
मैं आज बहुत प्रसन्न और संतुष्ट हूं- असीम
BJP ने आज मुझे लोक सेवा का अवसर दिया-असीम
भाजपा में रहकर में लोक कल्याण के कार्य कर सकता हूं-असीम pic.twitter.com/7iSEfAzE1W
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सपा में वो जाते हैं जो दंगा कराते हैं, बीजेपी में जो आते हैं वो दंगा रोकते हैं। उम्मीद है कि असीम अरुण राजनीति में आकर भी युवाओं के प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
बीजेपी ज्वाइन करने वाले पूर्व आईपीएस असीम अरुण ने कहा कि पिछला पांच साल सरकारी सेवा में काम करने का बहुत बेहतर मौका था। यह बात मैं आप लोगों को पूरी ईमानदारी से बता रहा हूं। बिना किसी दबाव के पुलिस ने काम किया है। योगी सरकार ने पुलिस को पूरी ताकत दी। अब बीजेपी ने मुझे लोकसेवा का अवसर दिया है। बीजेपी में रहकर अब लोक कल्याण के काम कर सकता हूं।
समझा जाता है कि असीम अरुण के जरिए बीजेपी दलित कार्ड खेलेगी। उन्हें खासकर युवा दलित मतदाताओं के सामने एक चेहरे के रूप में पेश किया जाएगा। बीजेपी में हालांकि कई दलित नेता हैं। लेकिन असीम अरुण के मुकाबले कोई इतना पढ़ा-लिखा और युवा नहीं है। असीम अरुण का दलित और आईपीएस होना उनके लिए वरदान साबित हुआ है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी उन्हें सपा और अखिलेश यादव के गढ़ कन्नौज से चुनाव मैदान में उतारना चाहती है। कन्नौज से चुनाव लड़ाने का असर आसपास की सीटों पर भी पड़ेगा।