पूर्व क्रिकेटर सिद्धू महिला पहलवानों के धरने पर पहुंचे
भारतीय महिला पहलवानों के ख़िलाफ़ हो रहे दुष्प्रचार के बावजूद उन्हें भारी जनसमर्थन मिलना जारी है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी इन पहलवानों के समर्थन में आ गए हैं। वे सोमवार को जंतर मंतर पर महिला पहलवानों का साथ देने पहुंचे। पिछले दो दिनों से यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों पर तमाम आरोप लगा रहे हैं और मीडिया का एक वर्ग उसे प्रचारित भी कर रहा है।
#Delhi: जंतर मंतर पर रेसलर्स के धरने का आज 9वां दिन है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत भी जंतर-मंतर पहुंचे और समर्थन दिया.@harishrawatcmuk @sherryontopp #WrestlersProtest pic.twitter.com/iHe5vmsXi2
— JK24x7 News (@JK247News) May 1, 2023
बहरहाल, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई खिलाड़ी रविवार से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं। देशभर से इनको समर्थन मिल रहा है। समर्थन देने में तमाम राजनीतिक भी पीछे नहीं हैं।
पहलवानों को समर्थन की घोषणा करते हुए सिद्धू ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि ‘चौंकाने वाली बात यह है कि 7 जानी मानी महिलाओं ने शिकायत की और कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई’। यह भारतीय इतिहास में समय के गाल पर एक आंसू है...... कोई भी देश जो अपनी महिला आइकन का अपमान करता है, वह अपने ही गौरव को ठेस पहुंचाता है, इन महिलाओं ने देश का नाम रोशन किया है’।
सिद्धू ने आगे लिखा कि उन्होंने लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पंख दिए हैं, उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाना भारत के गौरव को चोट पहुँचाना है। क्या हमारे देश के बड़े-बड़े लोग कानून से ऊपर हैं? कानून को एक आदर्श स्थापित करना चाहिए जिससे कोई भी महिलाओं का अपमान करने से पहले काँपे।
सिद्धू राजनीति के अलावा क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल से भी जुड़े रहे हैं। ऐसे में उनका समर्थन महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि खेल जगत के ही ज्यादातर बड़े नामों ने महिला पहलवानों के धरने से दूरी बनाकर रखी हुई है। बड़े सितारों की चुप्पी पर पहलवान विनेश फोगाट ने सवाल भी उठाये थे।
पूर्व हॉकी कप्तान परगट सिंह ने अपना समर्थन इन खिलाड़ियों को दिया है। परगट सिंह ने पहलवानों का समर्थन करते हुए कहा कि कोई भी तब तक सड़कों पर नहीं उतरता, जब तक किसी को गंभीर रूप से परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना कितना मुश्किल होता है, इसका मुझे एहसास है।
परगट सिंह ने कहा कि आंदोलनकारी पहलवान अनुशासनहीनता पैदा नहीं कर रहे हैं बल्कि भारतीय खेलों की गंदगी व मैल साफ करने पर उतारू हैं। परगट सिंह ने कहा कि यह पहलवान स्वच्छता व सभी के लिए गरिमा की बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। मैं डब्ल्यूएफआई के मौजूदा ढांचे के खिलाफ इन आंदोलनकारी पहलवानों की लड़ाई में पूरी तरह से इनके साथ हूं। यह बेहद निंदनीय है कि लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन के बावजूद किसी पर कोई मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
सिद्धू से पहले पहलवानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी जंतर-मंतर पर पहुंच चुकी हैं। समर्थन देने पहुंचे केजरीवाल ने देश भर से पहलवानों को समर्थन करने की अपील की थी। भले ही वे किसा भी पार्टी या विचारधारा के हों।
डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह कई महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद से विवादों के केंद्र में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 7 महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा दे दी है। जंतर मंतर पर दिल्ली पुलिस ने उनके आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी है। WFI प्रमुख के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज होने के दो दिन बाद यह सुरक्षा दी गई है।