बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलेगा। बुधवार 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है। इससे पहले मंगलवार की शाम केंद्र सरकार ने इसकी घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान मरणोपरांत दिया जाएगा।
राष्ट्रपति भवन की ओर एक बयान जारी कर कहा गया है कि भारत सरकार को यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को दिया जा रहा है।
बिहार के प्रमुख राजनैतिक दल जेडीयू और आरजेडी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देनी की लंबे समय से मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद जेडीयू ने मोदी सरकार का आभार जताया है।
जेडीयू बुधवार को पटना में कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती धूमधाम से मनाने जा रही है। इसको लेकर पटना में बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं।
उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ था। वहीं उनका निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ था। कर्पूरी ठाकुर पहली बार 1952 में विधायक बने थे।
कर्पूरी ठाकुर दो बार 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार 5 मार्च 1967 से 31 जनवरी 1968 तक उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
उपमुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने 1967 में बिहार बोर्ड की दसवीं परीक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। वह पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों की वकालत करने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों के हित के लिए काफी काम किया था।
उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया इनके राजनीतिक गुरु थे।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा यह उनका विनम्र सम्मान है
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा करने के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा है कि मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को और बढ़ावा मिलेगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घोषणा के बाद एक्स पर लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है।
केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है। स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा। हम हमेशा से ही स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं। वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है।
वहीं अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है कि, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत घोषित भारत रत्न दरअसल ‘सामाजिक न्याय’ के आंदोलन की जीत है, जो दर्शाती है कि सामाजिक न्याय व आरक्षण के परंपरागत विरोधियों को भी मन मारकर अब पीडीए के 90 प्रतिशत लोगों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ रहा है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा है कि बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष समारोह में हमने आदरणीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देकर देश के किसी भी प्रधानमंत्री के बिहार विधानसभा में प्रथम आगमन को और अधिक यादगार बनाने की मांग रखी थी।
अपनी इस पोस्ट के जरिए उन्होंने बताया है कि उनकी पार्टी लंबे समय से मांग करती रही है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना चाहिए।