बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह और सभी बागी विधायक गुरुवार को मुंबई पहुंचेंगे और फ्लोर टेस्ट में भाग लेंगे। शिंदे ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के बाद ही आगे की रणनीति के बारे में खुलासा किया जाएगा। उन्होंने एक बार फिर कहा कि वे लोग बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक हैं।
नई सरकार बनने की सूरत में मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
शिंदे बुधवार सुबह गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। शिंदे ने बुधवार को कहा था कि वह और बागी विधायक जल्द ही मुंबई जाएंगे।
एकनाथ शिंदे के मुताबिक उनके साथ शिवसेना के 40 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में निश्चित रूप से उद्धव ठाकरे सरकार अल्पमत में है और ठाकरे सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर पाना नामुमकिन है। शिंदे के मुताबिक़, उनके पास निर्दलीय और शिवसेना के विधायकों को मिलाकर कुल 50 विधायकों का समर्थन है।
कल होगा फ्लोर टेस्ट
इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे सरकार को पत्र लिखकर 30 जून को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। राज्यपाल ने इस संबंध में उद्धव ठाकरे सरकार को पत्र भेजा है। इसमें फ्लोर टेस्ट की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराने और उन्हें इसकी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही फ्लोर टेस्ट को किसी भी सूरत में स्थगित न करने के लिए कहा गया है। विधानसभा परिसर के अंदर व आसपास सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
शिंदे समर्थकों पर कार्रवाई
मंगलवार को शिवसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ठाणे की जिला पदाधिकारी मीनाक्षी शिंदे को उनके पद से हटा दिया है। मीनाक्षी शिंदे ठाणे नगर निगम की मेयर भी हैं। ठाणे में एकनाथ शिंदे का अच्छा खासा असर है और शिंदे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ठाणे नगर निगम में पार्षद के पद से ही शुरू की थी।
अल्पमत में है सरकार
महाराष्ट्र के ताज़ा सियासी हालात में यह साफ दिखाई दे रहा है कि शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास आघाडी सरकार अल्पमत में आ चुकी है।महा विकास आघाडी सरकार के पास वर्तमान में एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, शिवसेना के 16 व अन्य 12 विधायकों का समर्थन है। यह कुल आंकड़ा 125 बैठता है जो बहुमत के लिए जरूरी 144 के आंकड़े से बहुत कम है जबकि दूसरी ओर बीजेपी के पास 106 विधायक हैं, शिवसेना के बागी 39 विधायकों का समर्थन उसके पास है और कुछ निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायक भी उसके साथ हैं। ऐसे में बीजेपी बहुमत के आंकड़े को आसानी से छूती हुई दिखाई दे रही है।