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पाँच चीनी हैकरों पर अमेरिका में मुक़दमा, भारत के सरकारी नेटवर्कों की हैकिंग के आरोपों की भी होगी जाँच

पाँच चीनी हैकरों पर अमेरिका में मुक़दमा, भारत के सरकारी नेटवर्कों की हैकिंग के आरोपों की भी होगी जाँच

एक ताज़ा मामले में अमेरिका के विधि विभाग ने चीन के 5 नागरिकों पर मामले दर्ज किए हैं। उन पर 100 से अधिक अमेरिकी कंपनियों और संस्थानों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने और उनके डेटा उड़ा लेने के आरोप हैं।

हैकिंग से लेकर साइबर हमले और डेटा स्निपिंग से लेकर और साइबर जासूसी तक के मामले में चीन का नाम लगातार आ रहा है। उस पर रोज़ नए-नए आरोप लग रहे हैं, नए-नए खुलासे हो रहे हैं और उसके लोग नए-नए मामलों में पकड़े जा रहे हैं और उनकी तलाश की जा रही है।

एक ताज़ा मामले में अमेरिका के विधि विभाग ने चीन के 5 नागरिकों पर मामले दर्ज किए हैं। उन पर 100 से अधिक अमेरिकी कंपनियों और संस्थानों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने और उनके डेटा उड़ा लेने के आरोप हैं। इसमें भारत में भी सरकारी विभागों और कंपनियों के आँकड़े चुराने के आरोप हैं।

साइबर जासूसी

अमेरिका के उप अटॉर्नी जनरल जेफ़्री रेज़न ने कहा है कि इन चीनी नागरिकों पर मूल्यवान सॉफ़्टवेअर चुराने और व्यवसायिक जासूरी करने के आरोप भी हैं। इन चीनी नागरिकों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है और उनकी तलाश जारी है। इसके साथ ही इस मामले में दो मलेशियाई नागरिकों के ख़िलाफ़ भी मामले लगाए गए हैं।

याद दिला दें कि एक ख़बर यह भी आई है कि ज़ेनहुआ नामक एक निजी चीनी कंपनी ने दुनिया के अलग-अलग देशों के 24 लाख से अधिक लोगों के निजी आँकड़े एकत्रित कर लिए हैं। इनमें अमेरिका के 52 हज़ार, ऑस्ट्रेलिया के 35 हज़ार और भारत के 10 हज़ार लोगों के नाम भी शामिल हैं, वे लोग इस चीनी कंपनी के निशाने पर हैं। चीनी कंपनी ने भारत में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से लेकर मुख्य न्यायाधीश, सीएजी, अटॉर्नी जनरल, सेना प्रमुख, पूर्व सेना प्रमुख तक उनके निशाने पर हैं।

'कोबाल्ट स्ट्राइक'

चीनी नागरिकों पर आरोप है कि उन्होंने 'कोबाल्ट स्ट्राइक' नामक मैलवेअर का इस्तेमाल कर सरकारी एजेन्सियों और दफ़्तरों के सिस्टम्स को हैक कर लिया। 

सॉफ़्टेवअर डेवलपमेंट, कंप्यूटर हार्डवेअर, दूरसंचार, सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स, सबकुछ इनके निशाने पर था। उन्होंने ग़ैर सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों, सरकारी थिंकटैंक किसी को नहीं बख्शा।

अमेरिका के साइबर विशेषज्ञों ने 'एपीटी41', 'बेरियम', 'विन्नटी', 'विकड पान्डा', 'विकड स्पाइडर' जैसे छद्म नाम वाले समूहों का पता लगाया है जिन्होंने यह हैकिंग की है।

इस पूरे मामले में पांच चीनी नागरिकों के अलावा सरकारी कंपनी चेंगदू 404 नेटवर्क टेक्नोलॉजी का नाम भी सामने आ रहा है। इस कंपनी और इन लोगों ने जहां जासूसी की है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, चिली, हॉन्ग कॉन्ग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, पाकिस्तान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताईवान, थाईलैंड और वियतनाम भी हैं। 

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