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बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी, उनके भाई पर राहत सामग्री चुराने की FIR

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी, उनके भाई पर राहत सामग्री चुराने की FIR

केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से केंद्र की बीजेपी सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाती रही ममता बनर्जी सरकार के पश्चिम बंगाल में अब बीजेपी नेताओं पर एफ़आईआर दर्ज की गई है। 

केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से केंद्र की बीजेपी सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाती रही ममता बनर्जी सरकार के पश्चिम बंगाल में अब बीजेपी नेताओं पर एफ़आईआर दर्ज की गई है। विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई सौमेंदु अधिकारी पर लाखों रुपये की राहत सामग्री चोरी करने के आरोप लगाए गए हैं और उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है। 

यह एफ़आईआर कांति नगरपालिका की ओर से दर्ज कराई गई है। 'एएनआई' की रिपोर्ट के अनुसार कांठी नगर प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य रत्नदीप मन्ना ने 1 जून को कांठी पुलिस स्टेशन में शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई व कांठी नगर पालिका के पूर्व नगर प्रमुख सौमेंदु अधिकारी के ख़िलाफ़ शिकायत की थी। 

इस शिकायत को लेकर यह एफ़आईआर दर्ज की गई है। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि लाखों रुपये के सरकारी तिरपाल नगरपालिका कार्यालय के गोदाम से जबरन और अवैध रूप से ताले को खोलकर निकाला गया। आरोप लगाया गया है कि यह सब शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई व कांठी नगरपालिका के पूर्व प्रमुख सौमेंदु अधिकारी के निर्देश पर किया गया। 

अधिकारी भाइयों के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई तब की गई है जब बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच विधानसभा चुनाव के पहले से ही तीखी नोक-झोंक चल रही है। चुनाव बाद तो दोनों दलों के बीच यह विवाद तब काफ़ी बढ़ गया जब नारद घूसकांड मामले में दो मंत्रियों समेत 4 नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया था। इसमें से तीन तृणमूल के नेता हैं और एक इसके पूर्व नेता। 

नगर विकास मंत्री फ़िरहाद हक़ीम व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी के अलावा विधायक मदन मित्र और शोभन चट्टोपाध्याय को गिरफ़्तार करने से पहले सीबीआई ने अपने कोलकाता कार्यालय में पूछताछ की थी। तृणमूल के तीन नेताओं के अलावा शोभन चट्टोपाध्याय पूर्व तृणमूल नेता हैं जिन्होंने 2019 में बीजेपी जॉइन कर ली थी लेकिन इस बार मनमाफिक सीट न मिलने पर बीजेपी छोड़ दी। 

वैसे, नारद घूसकांड में शुभेंदु अधिकारी का भी नाम है, लेकिन उनके ख़िलाफ़ सीबीआई की ओर से ऐसी कार्रवाई नहीं की गई। इस पर सवाल उठे कि क्या बीजेपी में शामिल होने की वजह से उन्हें बचाया जा रहा है।

बता दें कि शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल में ऐन चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए और नंदीग्राम में उन्होंने ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा। शुभेंदु चुनाव जीत भी गए। बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल में अपने विधायक दल का नेता चुना है यानी वह विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी और सांसद पिता शिशिर अधिकारी भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। 

बता दें कि बंगाल में चुनाव से पहले ही इसी साल फ़रवरी में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला से भी सीबीआई ने पूछताछ की थी। इसे कोयला चोरी के एक मामले से जोड़कर देखा गया। सीबीआई ने पूर्वी कोलफील्ड लिमिटेड के कुनुस्तोरिया और कजोरिया कोयला क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी की जांच के लिए पिछले साल नवंबर में मामला दर्ज किया था। मामले में सीबीआई की जांच जारी है। आरोप है कि कोयला माफिया ने बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को नियमित रूप से घूस दी। हालाँकि चुनाव से पहले इस कार्रवाई को राजनीतिक कार्रवाई का आरोप लगाया गया। 

इस बीच बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के ख़िलाफ़ यह ताज़ा मामला क्या तृणमूल और बीजेपी विवाद को और तेज़ करेगा?

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