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लड़ाई तेज़, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष लल्लू व प्रियंका के निजी सचिव पर एफ़आईआर दर्ज

लड़ाई तेज़, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष लल्लू व प्रियंका के निजी सचिव पर एफ़आईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के ख़िलाफ़ मंगलवार शाम को एफ़आईआर दर्ज की है।

घर लौट रहे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाए जाने का मुद्दा बेहद गरमा गया है। इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ सरकार आमने-सामने हैं। प्रियंका के आक्रामक तेवरों से परेशान उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के ख़िलाफ़ मंगलवार शाम को एफ़आईआर दर्ज की है। एफ़आईआर लखनऊ के हज़रतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। 

संदीप सिंह के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी की एफ़आईआर दर्ज की गई है। प्रियंका गांधी की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी गई वाहनों की सूची में ऑटो, एंबुलेंस, थ्री-व्हीलर, ट्रक, डीसीएम, मैजिक, टाटा एस, प्राइवेट कार और 59 स्कूल बसों के नंबर मिले थे। कुछ बसों के नंबर की पुष्टि नहीं हो पाई थी। कुछ बसों के नंबर चोरी के वाहन होने की आशंका है। 

हमलावर अंदाज में प्रियंका

इससे पहले प्रियंका ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला। प्रियंका ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हद कर दी है। प्रियंका ने कहा, ‘योगी जी, इन बसों पर आप चाहें तो बीजेपी का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन बीत चुके हैं और इन्हीं तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।’

कांग्रेस नेत्री ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जाँच में सही पाई गईं। ऊँचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर, दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुँच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए।’ 

ग़ौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संकट में फंसे प्रवासी मजदूरों को लाने व ले जाने के लिए अपनी ओर से 1000 बसें देने की पेशकश की थी। लेकिन योगी सरकार 2 दिन तक इस मामले में चुप्पी साधे बैठी रही थी। 

योगी सरकार ने सोमवार (18 मई) को प्रियंका की ओर से भेजे गए पत्र का संज्ञान लिया और प्रस्ताव को स्वीकारते हुए बसों की सूची मांगी। सोमवार देर शाम को कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर बसों की सूची प्रदेश सरकार को सौंप दी।

योगी सरकार की छीछालेदार

इस मामले में विवाद तब खड़ा हुआ जब गृह विभाग के सचिव अवनीश अवस्थी ने सोमवार रात को प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को ई-मेल कर बसों को लखनऊ लाकर ड्राइविंग लाइसेंस व फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाने को कहा। इस पर कांग्रेस ने कहा कि मजदूर यूपी की सीमाओं पर फंसे हैं और सरकार खाली बसों को लखनऊ बुला रही है। उन्होंने कहा कि मजदूर संकट में फंसे हुए हैं और प्रदेश सरकार राजनीति से बाज़ नहीं आ रही है।

छीछालेदार होने पर योगी सरकार के गृह विभाग की ओर से मंगलवार सुबह एक और पत्र भेजकर कहा गया कि योगी सरकार इन बसों को ग़ाज़ियाबाद और नोएडा में लेने के लिए तैयार है। इस पर कांग्रेस ने शाम 5 बजे तक का वक़्त मांगा  लेकिन अब प्रियंका गांधी के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि बसों को आगरा के अंदर ही नहीं आने दिया जा रहा है। 

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