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बिहार: हत्या के मामले में तेजस्वी, तेज प्रताप पर एफ़आईआर दर्ज, सियासत तेज़

बिहार: हत्या के मामले में तेजस्वी, तेज प्रताप पर एफ़आईआर दर्ज, सियासत तेज़

बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई एक घटना के कारण राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई एक घटना के कारण राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। घटना यह है कि आरजेडी के पूर्व नेता शक्ति मलिक की हत्या के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। मलिक की रविवार को पूर्णिया जिले में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 37 साल के शक्ति मलिक महादलित समाज के नेता थे। 

तेजस्वी और तेज प्रताप के अलावा आरजेडी की दलित सेल के अध्यक्ष अनिल कुमार साधू, अररिया जिले के पार्टी नेता कालू पासवान, सुनीता देवी और एक अन्य व्यक्ति का भी नाम एफ़आईआर में दर्ज है। यह एफ़आईआर मलिक की पत्नी की शिकायत पर दर्ज की गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके पति की हत्या राजनीतिक कारणों की वजह से हुई है। 

‘तेजस्वी ने मांगा था चंदा’

मलिक ने कुछ दिन पहले ही एक वीडियो जारी कर कहा था कि टिकट के लिए उनसे चंदा मांगा गया था। मलिक के मुताबिक़, ‘तेजस्वी ने मुझसे कहा था कि चंदा तो आपको देना ही पड़ेगा। तेजस्वी ने कहा था कि अगर तुम्हारे पास पैसा है तो टिकट लेकर चुनाव लड़ो, वरना यहां से निकलो। अगर तुम आवाज़ उठाने का काम करोगे तो तुम्हें जान से मरवा दिया जाएगा।’ वीडियो वायरल होने के बाद आरजेडी ने मलिक को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मलिक आरजेडी की दलित सेल की बिहार इकाई के सचिव पद पर थे। 

मलिक ने आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव ने चंदे के रूप में 50 लाख रुपये मांगे थे। मलिक रानीगंज सीट से चुनाव मैदान में उतरना चाहते थे। उन्होंने वीडियो में यह भी कहा था कि तेजस्वी यादव ने उन्हें जातिसूचक गालियां भी दी गईं। मलिक की पत्नी ने कहा है कि उनके घर में तीन लोगों ने घुस कर उनके पति को गोली मार दी और भाग गए। यह घटना सुबह तड़के 3 बजे हुई। 

बिहार चुनाव पर देखिए, विश्लेषण- 

पुलिस हत्यारों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पूर्णिया जिले के एसपी विशाल शर्मा ने कहा है कि मलिक के शरीर में तीन गोलियां मिली थीं। 

अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि आरजेडी में टिकटों की खरीद-फरोख्त होती रही है। उन्होंने कहा कि लालू यादव पर भी पैसे लेने के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से तेजस्वी यादव का दलितों के प्रति क्या दृष्टिकोण है, यह पता चलता है।

आरजेडी की मुश्किलें बढ़ेंगी

बिहार में तीन चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर, दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा और चुनावी नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। 

राज्य में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सदारत वाले महागठबंधन के बीच जोरदार मुक़ाबला होने की उम्मीद है। लेकिन चुनाव से ठीक पहले महादलित समाज से आने वाले शक्ति मलिक का वीडियो वायरल होने, इसके बाद उनकी हत्या होने और उनके परिजनों द्वारा तेजस्वी यादव, तेज प्रताप का नाम लिए जाने के बाद ये मामला आरजेडी की सत्ता में वापसी की राह की कोशिशों को कुंद कर सकता है। 

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